सूरत के सारोली इलाके में आज दोपहर को मेट्रो के संचालन के दौरान पिलर पर रखे स्पान का हिस्सा उठ जाने से प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही फायर विभाग और सारोली पुलिस थाने के अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सारोली से कडोदरा तक दोनों यातायात सड़कों को तुरंत बंद करने का निर्णय लिया गया। नतीजा यह हुआ कि पूरे इलाके में भारी जाम लग गया।
सूरत में पिछले कई सालों से मेट्रो का परिचालन जोरों से चल रहा है। मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की लचर व्यवस्था के कारण लोगों को बरसात में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच आज मंगलवार सुबह सारोली में मेट्रो का दूसरा चरण चल रहा था। जिसमें एक पिलर पर रखे स्पैन बीच से उठा गया। घटना की सूचना मिलते ही मेट्रो समेत सूरत महानगर पालिका का प्रशासनिक तंत्र हरकत में आ गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए स्थानीय पुलिस कर्मियों द्वारा पूरी सड़क को भी घेर लिया गया और फायर विभाग का एक बेड़ा भी मौके पर तैनात किया गया।
दुर्घटना के बाद सारोली-कुंभारिया मार्ग को बंद करने का निर्णय लिया
दुर्घटना के बाद सारोली-कुंभारिया मार्ग को बंद करने का निर्णय लिया गया और हजारों वाहन चालकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। कुंभारिया और कड़ोदरा के बीच यातायात पूरी तरह से ठप हो गया, फंसे हुए मोटर चालकों को अन्य वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिसके चलते जगह-जगह भारी ट्रैफिक जाम के दृश्य भी देखने को मिले।
ठेकेदार की घोर लापरवाही का नतीजा: असलम साइकवाला
कांग्रेस पूर्व पार्षद असलम साइकलवाला ने कहा कि यह घटना शासक और अधिकारियों की मिलीभगत का एक और उदाहरण है। जिसके कारण ऐसी गंभीर घटनाएं हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि इससे पहले भी उधना में मेट्रो संचालन के दौरान एक बड़ी क्रेन गिर गई थी। इसके अलावा, मेट्रो रेल के संचालन के दौरान अलग-अलग कारणों से अब तक चार निर्दोष नागरिक-श्रमिकों की जान जा चुकी है, फिर भी जिम्मेदार ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
ये विकास का नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का मॉडल है: पायल साकरिया
पूरे घटनाक्रम को लेकर सूरत महानगर पालिका के विपक्षी दल की नेता पायल सकारिया ने मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के अधिकारियों और ठेकेदार की गंभीर लापरवाही के बारे में कहा कि सूरत में करोड़ों रुपये की लागत से जो परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, उनमें ऐसी गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। 2027 में मेट्रो शुरू करने की चर्चा के बीच आज जो दुर्घटना सामने आई है वो वाकई गंभीर है। उन्होंने मांग की कि सुपरविजन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच की जानी चाहिए, साथ ही इस घटना में ठेकेदार द्वारा किए गए सभी कार्यों पर संदेह जताया गया है।