पाली जिले के मेलावास गांव में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की ‘प्रोवाइडिंग अर्बन एमनिटीज़ इन रूरल एरियाज़’ (PURA) की अवधारणा को एक नई परिभाषा दी जा रही है। यह अद्वितीय बदलाव किसी सरकारी योजना के तहत नहीं, बल्कि गांव के एक बेटे की अपनी मिट्टी के प्रति गहरी लगन और प्रेम के कारण संभव हो रहा है। ये हैं 2010 के यूपीएससी बैच के आईआरएस अधिकारी घनश्याम सोनी, जो वर्तमान में जोधपुर में नारकोटिक्स ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर पद पर कार्यरत हैं।
मेलावास का बदलता चेहरा
घनश्याम सोनी ने अपने गांव के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
– स्वच्छता और पर्यावरण: मेलावास में स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गई है, जिसमें हरियाली और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। गांव की गलियों में हरभरे पेड़ और सुगम सड़कें लोगों का स्वागत करती हैं।
– सौर ऊर्जा: बिजली की समस्याओं को दूर करने के लिए एक सौर पावर हाउस स्थापित किया गया है, जो गांव की 120 बिजली पोलों को रोशन करता है।
– सुरक्षा और स्वास्थ्य: गांव में सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, गांव में एक चिकित्सालय और पशु चिकित्सालय की स्थापना की गई है, जो ग्रामीणों के स्वास्थ्य की देखभाल करता है।
समुदाय की भूमिका और पुरस्कार
घनश्याम सोनी अपनी सफलता का श्रेय गांववासियों को देते हैं। उनका मानना है कि उनके सहयोग और समर्थन के बिना ये प्रयास सफल नहीं हो सकते थे। उन्हें उनके समर्पण और मेहनत के लिए गुजरात रत्न श्री पुरस्कार और ग्लोबल डिग्निटी पुरस्कार जैसे सम्मान मिल चुके हैं।
विकास का सपना
मेलावास गांव में कंवरलाल और घीसीदेवी के घर में 1979 में जन्मे घनश्याम सोनी का बचपन से ही गांव के विकास का सपना था। उन्होंने भारतीय सिविल सर्विस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के बाद भी अपने गांव को नहीं भुलाया। उनकी पत्नी, श्रीमती अनिता सोनी, जो पहले एक कॉलेज व्याख्याता रह चुकी हैं, ग्रामीण विकास में उनके प्रयासों में सक्रिय सहयोग करती हैं। उनका बेटा राजदीप सूरत के केन्द्रीय विद्यालय में पढ़ाई कर रहा है।
घनश्याम सोनी की यह प्रेरणादायक कहानी अन्य सांसदों और विधायकों के लिए एक आदर्श है, जो अपने गांवों में वास्तविक बदलाव और समृद्धि लाने का संकल्प लें।
नशे के खिलाफ घनश्याम सोनी का अभियान: राजस्थान को नशामुक्त बनाने का संकल्प
आईआरएस अधिकारी घनश्याम सोनी ने राजस्थान में मादक पदार्थों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ रखा है। सोनी की टीम पूरे राज्य में सक्रिय होकर ऐसे मादक तत्वों के ग्रुप्स को चुन-चुन कर सलाखों के पीछे धकेलने में जुटी हुई है। उनका मानना है कि नशे के अवैध कारोबार को पूरी तरह खत्म करने के लिए NCB सख्त कार्रवाई करेगी।
सोनी का उद्देश्य राजस्थान को नशामुक्त बनाना है, और इसी उद्देश्य से वे नशे के सौदागरों के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। उनका कहना है कि राज्य से नशे का कारोबार पूरी तरह खत्म करना और युवाओं को इस खतरनाक जाल से बचाना उनकी प्राथमिकता है।