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देश की 1.44 लाख ग्राम पंचायतों में से गुजरात की पलसाना ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार के लिए चुना गया

विशाखापट्‌टनम में आयोजित होने वाले '28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन' में पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे

सूरत। पलसाणा ग्राम पंचायत ने सूरत जिले सहित पूरे गुजरात को गौरवान्वित किया है। ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए देश की 1.44 लाख ग्राम पंचायतों में से गुजरात की पलसाणा ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस पुरस्कार के लिए चुना गया है। गुजरात और पूरे देश में ई-गवर्नेंस में शानदार उपलब्धियां हासिल करने वाली पलसाना ग्राम पंचायत को यह पुरस्कार विशेष श्रेणी “सेवा वितरण को गहरा/व्यापक बनाने के लिए जमीनी स्तर की पहल” के लिए दिया जाएगा। जिसे विशाखापट्‌टनम में आयोजित होने वाले ’28वें राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सम्मेलन’ के दौरान केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रदान किया जाएगा।

पलसाना ग्राम पंचायत ने सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली में डिजिटल परिवर्तन लाकर पारदर्शिता, गति और दक्षता बढ़ाने के लिए काम किया है। ई-गवर्नेंस के माध्यम से स्थानीय नागरिकों को आसान और प्रभावी सेवाएं प्रदान की गई हैं, जिससे यह गांव देश भर में एक मिसाल बन गया है। पलसाना ग्राम पंचायत द्वारा 100 प्रतिशत कर संग्रहण ऑनलाइन किया जाता है। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायत स्तर पर वी.सी.ई. और अनुमान है कि वर्ष 2024-25 के दौरान तलाटी द्वारा ग्रामीणों को 17,484 ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की गईं।

‘सुरक्षित पलसाना’ के तहत, पलसाना ग्राम पंचायत ने गांव में विभिन्न स्थानों पर लगभग 75 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। ग्राम पंचायत द्वारा घर-घर जाकर कचरा संग्रहण का कार्य अनुकरणीय है। वर्तमान में ग्रामीणों के लिए ई-लाइब्रेरी का निर्माण किया जा रहा है। सरपंच प्रवीणभाई अहीर और उपसरपंच परेशभाई मैसूरिया के अथक प्रयासों और ग्रामीणों के हितों को सर्वोपरि मानकर काम करने की उनकी भावना के कारण ग्राम पंचायत पलसाणा इस पुरस्कार के लिए पात्र बनी है।

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