सूरत

दक्षिण गुजरात के लोग फीनिक्स सर्कस को देखने का लुत्फ उठा सकेंगे

भारत के 100वें सबसे बड़े जर्मन डोम में आयोजित

सूरत के डुमस रोड स्थित वीआर मॉल के सामने पर्याप्त पार्किंग सुविधाओं के साथ भारत के 100वें सबसे बड़े जर्मन डोम में आयोजित, फीनिक्स सर्कस ने 2 साल की उम्र से लेकर 80 साल की उम्र के दर्शकों का दिल जीत लिया है। अगले 10 दिनों तक दक्षिण गुजरात के लोग फीनिक्स सर्कस को देखने का लुत्फ उठा सकेंगे।

फीनिक्स सर्कस सोमवार से शुक्रवार शाम 6:30 बजे और 9:30 बजे दो शो करता है और शनिवार एवं रविवार व सार्वजनिक छुट्टियों पर 3:30 बजे, शाम 6:30 और 9:30 बजे तीन शो कर सूरतियों का मनोरंजन करता है। वर्ष 2008 में सूरत शहर के अंदर एक और सर्कस का क्रेज देखा गया, जिसमें विभिन्न प्रकार के जानवरों ‌द्वारा सर्कस का प्रदर्शन किया जाता था। सरकार द्वारा जानवरों पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत में सर्कस का क्रेज कम हो गया और सर्कस का चलन कम हो गया यानी गायब होने लगा।

सूरत शहर में आर्ट इंडिया ग्रुप के धीरेनभाई एवं महेंद्रभाई के साथ फीनिक्स सर्कस के मधुभाई बलर ने सर्कस के अभ्यास को फिर से जारी रखने का प्रयास शुरू किया। फीनिक्स सर्कस के संस्थापक मधुभाई बलर ने कहा कि वह 40 वर्षों से जादूगर, सर्कस, मेले जैसे मनोरंजन से जुड़े हुए हैं। भारत में लगभग 15,000 सर्कस कलाकारों ने एक बार फिर से लोगों के बीच आने का मौका पाने के उद्देश्य से सर्कस को लोगों के बीच वापस लाना शुरू कर दिया है।

आर्ट इंडिया ग्रुप के धीरेनभाई ने बताया कि सूरत शहर में 20 साल बाद इस भव्य जर्मन डोम के साथ फीनिक्स सर्कस का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कुल 45 कलाकार सूरत के लोगों का मनोरंजन करेंगे। साथ ही उचोपिया से भी अंतरराष्ट्रीय कलाकार आए हैं। 17 महिलाएं और 28 पुरुष कलाकारों में कलाबाजी, बाजीगरी, हवाई अभिनय, सर्कसिंग, रिंगमास्टर, बबल आर्ट, चेयर बैलेंस, रोलर स्केटिंग शामिल हैं। विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र अंतर्राष्ट्रीय कलाकार हैं जो यूटोपियन योग का प्रदर्शन करते हैं जो चौंकाने वाला और आश्चर्यजनक है।

आर्ट इंडिया ग्रुप के महेंद्रभाई शाह ने आगे बताया कि इस फीनिक्स सर्कस को विशेष रूप से अहमदाबाद से कारीगरों को आमंत्रित करके जर्मन डोम तकनीक से बनाया गया है। यह एक ऐसा गुंबद है जिस पर आग, बारिश, सर्दी या गर्मी का कोई असर नहीं होता, जिससे कलाकारों और दर्शकों को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ता। सभी प्रकार की अग्नि सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है। यह फीनिक्स सर्कस जर्मन डोम भारत का सबसे बड़ा सर्कस साबित हुआ है।

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