सूरत

सूरत में लगे पोस्टर: व्यापारी चोर नहीं है साहब, जो अपनी दुकानों से चोरों की तरह माल निकाल कर बेचे

कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए गुजरात के 36 शहरों में नाइट कफ्र्यू के साथ आंशिक लॉकडाउन है। सूरत शहर का कपड़ा बाजार लंबे समय से बंद होने के कारण टेक्सटाइल व्यापारी और उसे जुड़े लोग परेशान हो गए है। कपड़ा मार्केट समेत कई रोजगार बंद है। अब उनका सब्र का बांध टूटने लगा है।

इस दौरान सूरत के व्यापारियों ने अनोखे तरीके से विरोध जताया है। व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों के बाहर बैनर लगा दिया है, जिस पर लिखा है कि व्यापारी चोर नहीं है साहब, जो अपनी ही दुकानों से चोरों की तरह माल निकाल कर बेचने को मजबूर है। क्योंकि भूक, कर्ज, किराया, टैक्स, ईएमआई, बीमार की डर आदि ऐसा करने के लिए उन्हें मजबूर कर रहा है। सरकार एक बार एक महीने के लिए वेतन, भत्ते, पेंशन रोक कर देखे, पूरे देश को पता चल जाएगा कि बेरोजगारी क्या होती है।

व्यापारियों का कहना है कि अब सूरत में कोरोना के मामले घटने से कपड़ा बाजार खोलने की प्रशासन ने मंजूरी देनी चाहिए। मार्केट बंद होने से आर्थिक रूप से टूट चुके टेक्सटाइल से जुड़े उद्योग और श्रमिकों को मार्केट खोलने से राहत मिलेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button