व्यावहारिक शिक्षा ही है जागरूकता का सही माध्यम : डॉ. नीलम गोयल
गजेरा इंग्लिश मीडियम विद्यालय मोटा वराछा में सेमिनार
मोटा वराछा स्थित गजेरा इंग्लिश मीडियम विद्यालय में डॉ. नीलम गोयल भारत की परमाणु सहेली द्वारा 700 विद्यार्थियों के साथ परमाणु ऊर्जा व जल सुरक्षा विषय पर सेमिनार का आयोजन किया। सेमीनार में वीडियो एवं पीपीटी प्रेजेंटेशन के मार्फ़त मिश्र बिजली उत्पादन की प्रधान योजनाओं की जानकारी दी गई।
परमाणु सहेली ने बताया कि हमें वातावरण को हरित व सुरक्षित रखते हुए आवश्यक बिजली के उत्पादन के लिए परमाणु, सौर, जल, वायु व बायो को ऊर्जा के प्रधान स्त्रोतों के रूप में अपनाना होगा।ग्लोबल वार्मिंग से पृथ्वी का व सागर का तापमान सिग्नीफिकेन्टली बढ़ रहा है। चलते हमारी मानसूनी वर्षा असंतुलित होती जा रही है। जिसके फलस्वरूप कही एक साथ ही अतिवृष्टि और कहीं सूखे जैसे स्थितियाँ उतपन्न होती जा रही हैं।
डॉ. नीलम गोयल ने बताया कि पानी,हवा व सूर्य से हम बड़ी मात्रा में सतत बिजली नहीं बना सकते ऐसे में बेसलोड बिजली के सतत उत्पादन के विकल्प के रूप में परमाणु ऊर्जा ही आती है। परमाणु ऊर्जा स्वच्छ व व्यापारिक दृष्टि में प्रतिस्पर्धात्मक है। भारत के पास सबसे ज्यादा मात्रा में परमाणु ईधन उपलब्ध है। सभी बच्चों ने गहराई से परमाणु ऊर्जा विषय की जानकारी प्राप्त की।
सेमीनार में प्रश्नोत्तरी भी की गई, साथ ही विषय सम्बंधित शिक्षण हेतु पेम्फ्लेट्स का वितरण किया गया। संसार के वास्तविक व व्यावहारिक ज्ञान अभियान से जुड़ने के लिए विध्यार्तीयों सहित सभी शिक्षण स्टाफ ने नैतिक समर्थन प्रस्तुत किया। सभी विद्यार्थियों व अध्यापकों ने प्रतिज्ञा ली कि जब भी पानी व बिजली के समुचित उत्पादन व वितरण की योजनाएं उनके क्षेत्र में आएंगी तो सभी उनका समर्थन करेंगे।
विद्यालय के प्रिंसिपल डॉ रितेश अग्रवाल ने परमाणु सहेली को स्मृति चिन्ह देकर धन्यवाद किया और कहा कि इस प्रकार के सेमिनार सभी विद्यालयों के लिए जरूरी है क्योंकि शिक्षा ही सही मायने में समग्र जागरूकता का सही माध्यम है।
कुछ बच्चों ने प्रश्नोत्तरी के माध्यम से कहा कि सरकार, जनता व समाज के हर एक आम से लेकर खास जन को इस कार्य में अपनी भागीदारी लेते हुए भारतवर्ष के भविष्य के लिए परमाणु ऊर्जा का समर्थन करना चाहिए और देश के हर क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा के प्रति जो भ्रांतियां व गलत चर्चा है उन्हें मिटाकर परमाणु ऊर्जा का सही उपयोग और उनका ज्ञान सभी लोगों तक पहुंचना चाहिए।
आने वाले समय में परमाणु ऊर्जा ही भारतवर्ष का भविष्य है और भारतवर्ष परमाणु ऊर्जा में पूर्ण सक्षम है। परमाणु ऊर्जा से भारतवर्ष में राज्य स्तर पर, जिला स्तर पर बिजली बनती है तो भारत स्वयं ही विश्व में एक ऐसा देश होगा जो पूर्ण रूप से बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा