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केन्द्रीय बजट के संबंध में सूरत के सी.ए. पारस शाह की आशाएं और अपेक्षाएं क्या हैं?

10 लाख रुपये तक की आय हो सकती है कर मुक्त, 25% के नए स्लैब की संभावना

सूरत के सीए पारस शाह का मानना ​​है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक फरवरी को 2025-26 का बजट पेश करते समय आयकरदाताओं को बड़ी राहत देनी चाहिए। उनका मानना ​​है कि सरकार 20 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को कर में राहत दे सकती है।

इसके लिए फिलहाल दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। प्रथम- रु. 10 लाख रुपये तक की वार्षिक आय कर मुक्त होगी और दूसरी बात 10 लाख रुपये तक की वार्षिक आय कर मुक्त होगी। 15 से 20 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए 25% का नया टैक्स स्लैब होगा। हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि यह छूट नई कर व्यवस्था के तहत आने वालों को भी उपलब्ध होगी।

वर्तमान में 7.75 लाख रुपये तक की आय 75 हजार रुपये की मानक कटौती के साथ कर-मुक्त है। दूसरी ओर, 15 लाख रुपये से अधिक आय वाले लोग 30% कर स्लैब में आते हैं।

20 लाख रुपये तक की आय के लिए 25% का नया स्लैब ऐसे समय में आया है जब सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि धीमी है। आयकर छूट में छूट से शहरी उपभोग में वृद्धि होगी। इसके लिए 2023 के बजट में आयकर में राहत प्रदान की गई। उस समय, नई कर व्यवस्था के अंतर्गत धारा 87ए के तहत कर छूट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया था। हालाँकि, नई कर व्यवस्था में अधिकांश छूट उपलब्ध नहीं हैं।

सीए. पारस शाह का कहना है कि सरकार को 15 लाख से 20 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए 25% का टैक्स स्लैब लागू करना चाहिए। इससे लोगों के पास अधिक पैसा होगा, जिससे उपभोग बढ़ेगा। ये वही लोग हैं जो फ्रिज और टीवी जैसी उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं खरीदते हैं। सीए. पारस शाह का कहना है कि 15 लाख रुपये से थोड़ी अधिक आय पर 30% की कर दर उचित नहीं है।

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