गोगुन्दा पहुँची जवाबदेही यात्रा : राजतिलक स्थली पर किया स्वागत
बीओसीडब्लयू से पंजीकृत श्रमिकों का फूटा गुस्सा, सुनवाई नहीं कर रहे श्रम विभाग के अधिकारी
उदयपुर ( कांतिलाल मांडोत )। जवाबदेही कानून पास करने की मांग को लेकर प्रदेश भर में निकाली जा रही जवाबदेही यात्रा मंगलवार दोपहर को राजतिलक स्थली पर पहुंची, जहां ग्राम पंचायत गोगुंदा के उपसरपंच लालकृष्ण सोनी, वार्ड पंच ओम सिंह व राजस्थान एकलव्य मजदूर यूनियन तथा मेवाड़ मीडिया रिसोर्स सेंटर के लोगों ने स्वागत किया।
यहां यात्रा के लोगों ने गीत गाकर जवाबदेही कानून के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपनी चुनावी घोषणा पत्र में जवाबदेही कानून पास करने करने बात कही थी लेकिन 3 साल गुजरने जाने के बावजूद अभी तक कानून पास नहीं किया गया। इस दौरान पूर्व सरपंच करण सिंह झाला, पूर्व पंचायत समिति सदस्य बी.एस. राव व एकलव्य मजदूर यूनियन के महामंत्री लालूराम चौहान, अशरफ मोहम्मद सहित कई लोग मौजूद रहे।
इस बाद यात्रा रैली के रूप में शनिदेव मंदिर, मुख्य बाजार व सरिया मंदिर चौक से होती हुई चौगान में पहुंची। यहां रैली एक जनसभा में बदल गई। यहां यात्रियों द्वारा नुक्कड़ नाकट किया गया। वहीं सायरा, चित्रावास, बरवाड़ा, पड़ावली कलां, रावलिया खुर्द, ओबरा कलां सहित दर्जनों गांवों से पहुंचे लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज करवाई। एकलव्य मजदूर यूनियन व अरावली मजदूर सुरक्षा संघ सहित विभिन्न जन संगठनों के लोगों ने अपनी समस्याएं रखी। बीओसीडब्ल्यू की योजनाओं के लाभ समय पर न देने और आवेदनों को अकारण लम्बित रखने को लेकर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि श्रम विभाग के अधिकारी मजदूरों की सुनवाई नहीं कर रहे है।
चौगान में आयोजित जन सभा को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह ने कहा कि 2018 में कांग्रेस के घोषणा-पत्र में यह वायदा किया गया था कि जवाबदेही कानून लाया जाएगा। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने पूर्व आईएएस अधिकारी राम लुभाया के नेतृत्व में समिति बनाई लेकिन आज तक कानून को विधानसभा में पेश नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि जवाबदेही कानून पास करने की मांग को लेकर यह यात्रा 33 जिलों में जाएगी। इस यात्रा का संयोजन सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान ( एस आर अभियान) कर रहा है जो लगभग 80 सामाजिक आंदोलनों, अभियानों और संगठनों का समूह है।
2015-16 पहली जवाबदेही यात्रा
2015-16 में एस आर अभियान की ओर से राजस्थान के सभी 33 जिलों में 100 दिन की पहली जवाबदेही यात्रा निकाली गई थी। यात्रा के दौरान अभियान की ओर से लगभग 10,000 शिकायतों का पंजीकरण किया गया, जिन्हें राजस्थान संपर्क पोर्टल पर भी डाला गया था। इसके बाद जयपुर में 22 दिन का जवाबदेही धरना लगाया गया और सरकार से तुरंत यह क़ानून पारित करने की मांग की गई, जिससे लाखों लोगों के मूलभूत अधिकारों के हो रहे उल्लंघन को रोका जा सके।
जनसभा के बाद गोगुंदा के लोगों ने यात्रा के नेतृत्वकर्ताओं को तिलक लगाकर साफे बंधवाए और कानून पास होने की शुभकमाना दी।
इस दौरान निखिल डे, शंकर सिंह, श्याम लाल मेनारिया, विनीत, भंवर मेघवंशी, पारस बंजारा, सरफराज शेख, प्रेमकंवर, जनता बाई, पप्पूलाल, सुशीला, नोरतमल, कमल टांक, मुकेश निर्वासित सहित काफी संख्या में सदस्य व पदाधिकारी मौजूद थे।