
सूरत : ब्रेनडेड मनोजकुमार शर्मा के अंगदान दान से 3 लोगों को मिला नया जीवन
सूरत के नई सिविल अस्पताल में 64वां सफल अंगदान
सूरत की नई सिविल अस्पताल में आज 64वां सफल अंगदान संपन्न हुआ। मूल रूप से उत्तरप्रदेश के देवरिया जिले के निवासी और सूरत के उधना क्षेत्र में रहने वाले शर्मा परिवार के ब्रेनडेड मनोजकुमार की दो किडनी और एक लीवर का दान कर तीन जरूरतमंदों को नया जीवन प्रदान किया गया। दो बहनों और पाँच भाइयों में सबसे बड़े भाई मनोजकुमार के तीन अंगों से तीन लोगों को नवजीवन मिलेगा ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सूरत शहर के उधना क्षेत्र की अंबिका नगर में रहने वाले और सिलाई के कारखाने में सुपरवाइज़र के तौर पर कार्यरत 45 वर्षीय मनोजकुमार राधेश्याम शर्मा दिनांक 6 अप्रैल की सुबह 8:30 बजे घर के बाथरूम में अचानक फिसल गए, जिससे उनके सिर में गंभीर चोट आई। परिजनों ने उन्हें नींबू पानी पिलाया, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर 108 एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें नई सिविल अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती करवाया गया।
जहाँ जांच के बाद डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क में इंट्रावेंट्रिक्युलर ब्रेन इंजरी (दिमाग की नस फटना) का निदान किया। इसके बाद उन्हें आई.सी.यू. में शिफ्ट कर उपचार शुरू किया गया। गहन इलाज के बावजूद 9 अप्रैल की सुबह अस्पताल के आर.एम.ओ. डॉ. केतन नायक, डॉ. निलेश काछडिया, न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. हेमल और न्यूरोसर्जन डॉ. केयूर प्रजापति ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया।
दो बहनों और चार भाइयों में सबसे बड़े भाई मनोजकुमार के तीन अंगों का दान
शर्मा परिवार के सदस्यों को सोटो टीम के डॉ. केतन नायक, डॉ. निलेश काछडिया, गुजरात नर्सिंग काउंसिल के उपाध्यक्ष इकबाल कड़िवाला और काउंसलर निर्मला काछुड़ ने अंगदान का महत्व समझाया। इस दुःखद घड़ी में भी ब्रेनडेड मनोजकुमार की पत्नी आशादेवी शर्मा और छोटे भाई रोशन शर्मा ने भारी मन से अंगदान के लिए सहमति दी। स्व. मनोजकुमार के चार छोटे भाई और दो बहनें हैं। वह सभी भाई-बहनों में सबसे बड़े थे।
अंगदान चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रणेता दिलीपभाई देशमुख दादा ने परिवार से टेलीफोनिक बातचीत कर अंगदान के इस संकल्प के लिए उन्हें सांत्वना दी।
आज ब्रेनडेड मनोजभाई की दोनों किडनी और एक लीवर अहमदाबाद के आई.के.डी. अस्पताल भेजे गए। मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. धारित्री परमार के मार्गदर्शन में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, सुरक्षा कर्मियों, सफाई कर्मचारियों और जागरूक स्वयंसेवकों ने अंगदान प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई। नई सिविल अस्पताल के सफल प्रयासों के फलस्वरूप आज एक और अंगदान के साथ कुल 64वां अंगदान पूरा हुआ।