
सूरत। मुंबई में चैंबर के प्रतिनिधि आज सोमवार, 7 अप्रैल को भारत सरकार के टेक्सटाइल कमिश्नर रूप राशि से मिले और उनके समक्ष व्यापार और उद्योग के सामने आने वाले विभिन्न मुद्दों को व्यक्तिगत रूप से रखा। चैबर ने टेक्सटाइल हाइस्पीड मशीनरी से क्यूसीओ को समाप्त करने या इसके कार्यान्वयन को दो साल तक बढ़ाने की मांग की है।
इसके अलावा, सूरत के कई लाभार्थियों को अभी तक स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत राशि नहीं मिली है, इसलिए टेक्सटाइल कमिशनर से यह भी अनुरोध किया गया कि वे यह सुनिश्चित करें कि उन्हें इस योजना के तहत जल्द से जल्द राशि मिले। टेक्सटाइल कमिश्नर रूप राशि ने सरकार के समक्ष मामला उठाने का आश्वासन दिया है।
इस संबंध में चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने बताया कि भारत सरकार के टेक्सटाइल कमिश्नर रूप राशि के समक्ष व्यापार एवं उद्योगों के समक्ष उपस्थित विभिन्न मुद्दों को रखते हुए मुख्य रूप से क्वॉलिटी कंट्रोल ऑर्डर (क्यूसीओ) के मुद्दे पर चर्चा की गई। कपड़ा उद्योग के लिए हाइस्पीड मशीनरी पर क्वॉलिटी कंट्रोल ऑर्डर 28 अगस्त, 2025 से लागू किया जाएगा। जबकि कपड़ा उद्योगपति ज्यादातर विदेशों से हाई-स्पीड टेक्सटाइल मशीनरी आयात करते हैं, क्यूसीओ के लागू होने से इस हाई-स्पीड टेक्सटाइल मशीनरी का आयात बंद हो जाएगा।
अगले पांच वर्षों में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को 40 हजार मोडर्न वीविंग मशीनों की आवश्यकता
भारत सरकार ने अनुमान लगाया है कि भारत का कपड़ा बाज़ार 2030 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा, जो वर्तमान में 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। अगले पांच वर्षों में कपड़ा उद्योग को 40 हजार मोडर्न वीविंग मशीनों की आवश्यकता होने की उम्मीद है। इसी प्रकार हाइस्पीड एम्ब्रोयडरी मशीनरी भी विदेशों से आयात की जाती है।
भारत के पास फिलहाल कपड़ा क्षेत्र में अपनी विश्व स्तरीय हाइस्पीड वाली मशीनरी नहीं है। ऐसे में यदि हाई स्पीड टेक्सटाइल मशीनरी पर क्यूसीओ लागू किया गया तो विदेशों से मशीनरी का आयात बंद होने से टेक्सटाइल उद्योग का विकास रुक जाएगा। वर्तमान में भारत में कपड़ा उद्योग कृषि के बाद दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है, इसलिए इसका रोजगार पर सीधा प्रभाव पड़ेगा और भारत की अर्थव्यवस्था पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
पीएम मित्रा पार्क और अन्य निजी टेक्सटाइल पार्कों पर भी पड़ेगा असर
चैंबर अध्यक्ष ने कहा कि सूरत के निकट नवसारी के पास वांसी बोरसी में पीएम मित्र पार्क बनाया जा रहा है। इसके अलावा दक्षिण गुजरात में निजी टेक्सटाइल पार्क भी बनाए जा रहे हैं। यदि क्यूसीओ के कार्यान्वयन के कारण विदेशों से हाई-स्पीड टेक्सटाइल मशीनरी का आयात बंद हो जाता है, तो कपड़ा उद्योग में निवेश बाधित होगा और इसका प्रतिकूल प्रभाव पीएम मित्रा पार्क और अन्य निजी टेक्सटाइल पार्कों पर भी पड़ेगा। इसलिए, वस्त्र आयुक्त के समक्ष यह अनुरोध किया गया कि या तो उच्च गति वाली वस्त्र मशीनरी से क्यू.सी.ओ. को समाप्त कर दिया जाए, अथवा भारत में हाईस्पीड वाली वस्त्र मशीनरी का उत्पादन शुरू होने तक क्यू.सी.ओ. के कार्यान्वयन को दो वर्षों के लिए बढ़ा दिया जाए।