सूरत महानगरपालिका के केपिटल बजट का सालाना खर्च का आंकड़ा दो हजार करोड़ को पार कर गया है। ऐसा पहलीबार हुआ है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत व्यय मद में सूरत नगर निगम ने रु. 2601 करोड़ का प्रावधान किया था और अब तक 2305 करोड़ खर्च किए गए हैं। नगर निगम प्रशासन का दावा है कि वित्तीय वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा कैपिटल बजट लक्ष्य तक पहुंच जाएगा।
चालू वित्त वर्ष में पूंजीगत कार्यों पर होने वाले खर्च की जानकारी देते हुए नगर आयुक्त शालिनी अग्रवाल ने बताया कि इस बार के बजट में पूंजीगत व्यय के लिए 2601 करोड़ आवंटित किया गया है। अब तक नगर निगम प्रशासन विकास कार्य पर 2305 करोड़ खर्च कर चुका है। यह कुल बजट आवंटन का 90 प्रतिशत है। यह पहली बार है जब नगर निगम का पूंजीगत व्यय दो हजार करोड़ के आंकड़े को पार कर गया है।
नगर पालिका प्रशासन के अनुसार नगर पालिका इस बार आवंटित बजट का शत-प्रतिशत पूंजीगत कार्यों पर व्यय कर नया कीर्तिमान स्थापित करेगी।इस राशि से नगर पालिका ने मुख्य रूप से पानी, सीवरेज, सड़कें, स्ट्रीट लाइट, पुल, स्वास्थ्य, शिक्षा, अग्निशमन, स्वच्छता, लोक निर्माण आदि कार्यों को पूरा किया है।
दो जोन और दो विभागों ने शत प्रतिशत खर्च किया
नगर पालिका के दो जोन व एक विभाग ने बजट राशि का शत-प्रतिशत खर्च किया है। नगर पालिका के हाइड्रोलिक विभाग ने आवंटित राशि को पूरी तरह से खर्च कर दिया है। इसके अलावा कतारगाम और लिंबायत जोन ने भी अपनी आवंटित राशि पूरी तरह खर्च कर दी है। इसके अलावा नगर निगम प्रशासन ने तापी शुद्धिकरण परियोजना के लिए आवंटित राशि को पूरी तरह से खर्च कर दिया है। किफायती आवास, जल निकासी, ब्रिज सेल और सड़क विकास विभाग भी आवंटित राशि का 100 प्रतिशत खर्च करने के लक्ष्य के करीब हैं।
पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो इससे पहले वित्तीय वर्ष 2018-19 में नगर पालिका ने कैपिटल कार्य पर 1986 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसके बाद 2019-20 में 1875 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2021 में 1279 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2021-22 में पूंजीगत बजट में 1869 करोड़ रुपये खर्च किये गये।