सूरत। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के वरिष्ठ सयुंक्त महासचिव रहुल कबीर रिजवी द्वारा ढाका में एक कार्यक्रम के दौरान भारतीय साड़ी जलाई गई थी। इस घटना के बाद भारत के कपड़ा व्यापारियों में रोष व्याप्त है। इसी के मद्देनजर सूरत के कपड़ा व्यापारियों ने मिलेनियम मार्केट प्रांगण में विरोध प्रदर्शन किया। वहां एकत्रित हुए कपड़ा व्यापारियों ने रहुल कबीर रिजवी तथा बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रमुख यूनुस के चित्र वाला कपड़ा जलाकर विरोध प्रगट किया।
टेक्सटाईल युवा ब्रिगेड के अध्यक्ष ललित शर्मा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि साड़ी नारी शक्ति की अस्मिता का अंग है, यह स्त्री के सम्मान का प्रतीक है, साथ ही भारतीय संस्कृति का भी प्रतीक है। साड़ी को भरी सभा मे जलाकर रिजवी ने न सिर्फ भारतीय महिलाओं का अपमान किया है बल्कि भारतीय संस्कृति पर भी कुठाराघात किया है। इस घटना से सभी कपड़ा व्यापारी खासकर साड़ी निर्माता आहत है। इसी के विरोधस्वरूप हमने बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन किया है।
रघुकुल मार्केट समाधान समिति के राजीव ओमर ने बताया कि इस प्रकार का कृत्य शर्मनाक है, इसके विरोधस्वरूप हम व्यापारी यह चाहते है कि भारत सरकार बांग्लादेश पर तब तक व्यापारिक प्रतिबंध लगा दे जब तक कि वहां पर शांति व्यवस्था कायम नही हो जाती।
कपड़ा व्यापारी कमलेश जैन ने बताया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू उत्पीड़न की घटनाएं बारबार सामने आ रही है, अब साड़ी जलाकर उन्होंने भारत का बहिष्कार किया है तो हम भी चुप नही बैठने वाले है। साड़ी निर्माता महेश पाटोदिया ने साड़ी जलाने की घटना की निंदा करते हुए बांग्लादेशी नेता रिजवी की भर्त्सना की। उन्होंने कहा कि कपड़ा व्यापारियों के करोड़ो रूपये अभी बांग्लादेश में फंसे हुए है, वो रकम शीघ्र व्यापारियों को प्राप्त हो इसके लिए सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए।
राजू तातेड़ ने प्रधानमंत्री मोदी से चुप्पी तोड़कर इस विषय मे मुखरित होने का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार असहनीय तथा खेदजनक है। इस दौरान रमेश भाटिया, अशोक बाजारी, विकास देसाई, नीरज ओस्तवाल, नारायण शर्मा, महेश राठी, हरजीत सिंह कपूर आदि उपस्थित रहे।