
सूरत : उत्तरभारतीयों की नई ट्रेनों की लंबित मांगों को लेकर उग्र आंदोलन को चेतावनी
बुधवार को इंटक द्वारा पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक को संबोधित करता हुआ एक ज्ञापन सूरत रेलवे स्टेशन निदेशक को सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया कि आपको विदित होगा कि दक्षिण गुजरात देश का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है जिसमें देशभर ख़ासतौर से उत्तर भारत के 20 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं, जिनमे अधिकांश श्रमिक हैं जिनके आवागमन का एक मात्र साधन रेल है। किन्तु सूरत से उत्तर भारत जाने वाली ट्रेनों की संख्या यात्रियों की संख्या की तुलना में लगभग ना के बराबर है, इसलिए यात्रियों को भेड़ बकरीयों की तरह ना केवल जाने को मजबूर होना पड़ रहा है बल्कि उनका शोषण भी होता है, इस तथ्य से रेलवे प्रशासन भी भली भांति अवगत हैं। 2023 के मई, जून के गर्मियों के सीजन की ताप्ती गंगा समेत सभी ट्रेनों में अभी से ही भारी वेटिंग लिस्ट हैं जो इस बात का प्रमाण हैं की उत्तर भारत की ओर जाने वाले यात्रियों की तुलना में ट्रेनों को संख्या बहुत अपर्याप्त हैं। पिछले एक दशक से इंटक समेत कई अन्य संगठन इस मांग को लेकर संघर्षरत है जिसके तहत रैली, सैंकड़ों जनसभा , रेल रोको आंदोलन, रेलमंत्री का घेराव , तथा रेलवे के जीएम, डीआरएम समेत विभिन्न अधिकारियों से विभिन्न चरणों में वार्तालाप, पत्र व्यवहार के किया गया हैं पूर्व में रेलवे अधिकारियों और उत्तर भारतीय रेलवे संघर्ष समिति की संयुक्त बैठक के दौरान रेलवे अधिकारियों द्वारा समिति को भरोसा दिलाया गया था कि उधना जलगांव रेलमार्ग डबल ट्रैक होने के बाद नई गाड़ियों का परिचालन किया जाएगा किंतु अभी तक नई ट्रेन को लेकर कोई भी घोषणा नहीं को गई हैं।
इंटक के वरिष्ठ अग्रणी व उत्तर भारतीय रेल संघर्ष समिति के वरिष्ट सदस्य शान खान ने बताया कि रेल प्रशासन अपने वचन पर खरा नहीं उतर रहा है, रेल प्रशासन नई नियमित ट्रेन शुरू करने के बजाय सीजन के समय विशेष ट्रेने चलकर दुगना – तिगुना किराया वसूल कर रहा हैं इसका अर्थ है कि रेल प्रशासन सुनियोजित तरीके से उत्तरभारतीयों को लूटने का काम कर रहा हैं अतः हमारा रेल प्रशासन से आग्रह है कि हमारी मांगों पर तत्काल पूर्व वचन के अनुसार समाधान करें अन्यथा हमें रेल रोको तथा सूरत के नए स्टेशन के निर्माण का विरोध करने जैसे उग्र आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी रेल प्रशासन की होगी।
इस अवसर पर इंटक सूरत के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा, इंटक अग्रणी व संघर्ष समिति के वरिष्ट सदस्य शान खान, शशि दुबे, कनोजिया, प्रशुराम गुप्ता, महेश शुक्ला, रिंकू दुबे, अल्ताफ फ्रुटवाला, जन्मेजय शुक्ला समेत इंटक तथा उत्तरभारतीय रेल संघर्ष समिति के अन्य अग्रणी उपस्थित रहे थे।
प्रमुख मांगे निम्नुसार हैं :-
(1) सूरत से अयोध्या की नई ट्रेन शुरू की जाए। जो सूरत से वाया उधना, भुसावल, इटारसी, कटनी, शंकरगढ़, नैनी, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर होते हुए अयोध्या पहुँचे।
(2) सूरत से पटना की नई ट्रेन शुरू की जाए। जो सूरत से वाया वडोदरा, रतलाम, उज्जैन, सुजालपुर, बीना, झांसी, कानपुर सेंट्रल, लखनऊ, सुल्तानपुर, जौनपुर, वाराणसी, दीनदयाल उपाध्याय जंक्सन से होते हुए पटना पहुँचे।
(3) सूरत से वाया गया रांची झारखंड के लिए नई ट्रेन शुरू की जाए।
(4) 19063 उधना दानापुर एक्सप्रेस को दैनिक किया जाए।
(5) 19051 श्रमिक एक्सप्रेस को दैनिक किया जाए।
(6)19053 सूरत मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस को दैनिक किया जाए।
(7) 11104 बांद्रा झांसी एक्सप्रेस के रूट का विस्तार कर उसे बांद्रा से वाया गोंडा गोरखपुर किया जाए।