
जीएसटी के एक समान दरों से टेक्सटाइल उद्योग खफा
टेक्सटाइल के विभिन्न असेसमेट के लिए लागू जीएसटी दरों को एक समान करने निर्णय के कारण उद्यमी खफा है। ट्रेनिंग और वीविंग के लिए यह निर्णय अगले दिनों में काफी नुकसान कारक होने की शिकायतें उठी है। दूसरी तरफ प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए क्रेडिट उपयोग में लेने के कारण फायदा होने की बात कही जा रही है। ट्रेडिंग व्यापार में जीएसटी के दर 5% से बढ़ाकर 12% करने का निर्णय व्यापारियों के लिए हानिकारक है। आने वाले दिनों में छोटे व्यापारियों के लिए यह एक बड़ी समस्या होगी और इससे फिर से नगदी में कामकाज बढ़ जाएगा।
जीएसटी की दर में बदलाव से सबसे ज्यादा असर उपभोक्ता पर पड़ेगा। इससे महंगाई भी बढ़ेगी और नकद लेनदेन का आकर्षण भी बढ़ेगा। फर्जी बिलिंग का रेट भी बढ़ेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 1,000 रुपये से ऊपर के उत्पादों के लिए रेडीमेड कपड़ों की जीएसटी दर भी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी गई है।
डाई-प्रसंस्करण उद्योगों के लिए सरकार को जो क्रेडिट मिलता था, उसका अब उपयोग किया जा सकता है। उद्योग-धंधों के कारोबार में भी वृद्धि होगी और यह खुशियां लाएगा। व्यापारियों के पास ऑनलाइन ट्रेडिंग से ज्यादा क्रेडिट हुआ करता था, अब इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकार में लाखों रुपये क्रेडिट जमा किया जा रहा था, इसे वसूल किया जा सकता है।