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नए कानून को लेकर महाराष्ट्र के डॉक्टरों के भीतर भय : डॉ विवेकानंद जाजू

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रणित डॉक्टर सेल ने किया कड़ा विरोध

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार द्वारा डॉक्टरों के कमीशन पर रोक लगाने की दिशा में लाए जा रहे, प्रीवेंशन ऑफ काट प्रैक्टिस कानून को डॉक्टरों को बदनाम करने वाला कानून बताते हुए शिवसेना( उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रणित डॉक्टर सेल ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और स्वास्थ्य मंत्री गिरीश महाजन को पत्र लिखकर, इसका कड़ा विरोध किया है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में डॉक्टर सेल के अध्यक्ष डॉक्टर विवेकानंद जाजू ने कहा है कि डॉक्टरों की गलत प्रैक्टिस पर रोक लगाने के लिए तथा उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने की दिशा में पहले से ही एमसीआईएम,एमसीएम तथा एमसीएच परिषद द्वारा सख्त निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार , महाराष्ट्र के डॉक्टरों को डरा कर क्या हासिल करना चाहती है। डॉक्टर जाजू ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना संकटकाल में इन्हीं डॉक्टरों ने देवदूत की भूमिका में अपनी जान की परवाह न करते हुए लोगों की जान बचाई । सेवा कार्य करते हुए अनेक डॉक्टरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा ।

उन्होंने कहा कि डॉक्टर जो जांच लिखते हैं ,वह इलाज का एक प्रमुख भाग होता है। किसी भी मरीज को इस बात के लिए दबाव नहीं डाला जाता है कि किसी निश्चित जांच केंद्र से रिपोर्ट ले आए। इस कानून के बनने से हर मरीज डॉक्टरों को संदेह और भय की नजर से देखेगा। मरीज और डॉक्टरों के बीच के मधुर रिश्ते में खटास आएगी और डॉक्टर भी तत्काल इलाज करने से बचते नजर आएंगे।

डॉक्टर जाजू ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में जहां हाई क्वालिफाइड डॉक्टर जाने से कतराते हैं, वहां सामान्य डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हैं। इस कानून के बनने से उन डॉक्टरों में डर पैदा होगा और आम आदमी को आसानी से मिल रही चिकित्सीय सेवा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के ऑपरेशन के पहले संबंधित जांच की रिपोर्ट आवश्यक है। कानून से ऑपरेशन प्रक्रिया में बाधा आएगी।

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