गुजरात में चल रही अवैध मीट की दुकानों को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जनवरी माह में बिना लाइसेंस के चल रही 3200 से अधिक मीट की दुकानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जिनमें से अब तक 1247 दुकानों को सील किया जा चुका है। ऐसी मीट की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया गया है। बिना लाइसेंस मीट की दुकानें बंद रहेंगी। इन मीट की दुकानों को बंद कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। प्रदेश भर में चल रही मांस की अवैध दुकानें बंद होंगी।
प्रदेश प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा है कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को स्वस्थ भोजन मिले, इसके लिए सरकार संकल्पित है. जनवरी माह में डी.एल.एस.ए. (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) ने राज्य में नगर निगम-महानगर क्षेत्र में 4300 से अधिक मांस की दुकानों का सर्वेक्षण किया। जिसमें से 3200 से अधिक दुकानों पर बिना लाइसेंस व अनहेल्दी मीट बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। इस सर्वे के दौरान अब तक बिना लाइसेंस वाली 1247 दुकानों को सील किया जा चुका है। जिसमें प्रदेश की 8 महानगर पालिकाओं की 813 और नगर पालिकाओं की 434 दुकानें शामिल हैं।
सरकार की हमेशा कोशिश रही है कि राज्य के किसी भी नागरिक के स्वास्थ्य से समझौता न हो, ताकि सभी को स्वस्थ भोजन मिले। पूरा ऑपरेशन शहरी विकास, स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग, जीपीसीबी द्वारा आयोजित किया गया था। मंत्री ने कहा कि यह संयुक्त रूप से किया गया है।
प्रदेश भर में 4 हजार से ज्यादा अवैध मीट की दुकानें चल रही हैं।अब तक करीब 1387 दुकानें बंद की जा चुकी हैं। लाइसेंसी दुकानों की गुणवत्ता की भी जांच की जाएगी। जनवरी माह में बिना लाइसेंस के चल रही 3200 से अधिक मीट की दुकानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अवैध बूचड़खानों के मुद्दे पर हाईकोर्ट ने अहम निर्देश दिया है। कोर्ट ने बिना लाइसेंस वाली मीट की सभी दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया है।