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मीरा भायंदर में दो पहिया वाहन चालकों पर मुसीबतों की मार, आयुक्त मधुकर पांडे से निराकरण की उम्मीद

भायंदर (शिवपूजन पांडे)। मीरा भायंदर में इस समय सबसे अधिक मुसीबत में कोई है तो वह दो पहिया वाहन चालक हैं। पलक झपकते ही ट्रैफिक पुलिस द्वारा उनकी गाड़ी को टोइंग वैन पर लाद दी जाती है। सबसे बड़ी विडंबना तो तब होती है जब अस्पताल में मरीज को देखने गया व्यक्ति वापस आकर अपनी गाड़ी को गायब पाता है। स्कूल में बच्चे को लेने गया गार्जियन वापस आने पर अपनी गाड़ी को गायब पाता है। बिजली बिल, प्रॉपर्टी टैक्स आदि भरने गया व्यक्ति वापस आता है तो उसकी गाड़ी को ट्रैफिक विभाग उठा चुकी होती है। बैंक में पैसा निकालने गया व्यक्ति वापस आने पर अपनी गाड़ी को गायब देख परेशान हो जाता है। इसी तरह के अनेक उदाहरण है।

मीरा भायंदर में प्राइवेट टोइंग वैन वालों की भी चांदी कट रही है। एक हवलदार के पीछे 4 प्राइवेट कर्मचारी लगे हुए हैं। गाड़ी खड़ी होती चारों आसपास सक्रिय हो जाते हैं। दुकान में कोई सामान खरीद रहा व्यक्ति जब तक मुड़ कर पीछे देखता है, तब तक इसकी गाड़ी वैन पर लद चुकी होती है। मीरा भायंदर में अत्यावश्यक स्थानों पर भी पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में दो पहिया वाहन चालक करे भी तो क्या करें? कोई उनकी सुनने वाला नहीं है।

मीरा भायंदर ,भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष एड रवि व्यास ने अलबत्ता पिछले दिनों आयुक्त को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस गंभीर समस्या की तरफ उठाते हुए, आग्रह किया था कि स्कूल, कॉलेज ,बैंक, अस्पताल, बिजली बिल भरने के केंद्र, प्रॉपर्टी टैक्स भरने के केंद्र जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर या तो पार्किंग की व्यवस्था की जाए अथवा वहां खड़े दोपहिया वाहनों को ना उठाया जाए। अभी तक इस पत्र पर न तो कोई आदेश हुआ है और ना ही दो पहिया वाहन चालकों की मुसीबतें कम हुई हैं।

ट्रैफिक विभाग द्वारा टोइंग गाड़ियों की संख्या इतनी बढ़ा दी गई है कि हर 10 मिनट बाद आपको दूसरी गाड़ी नजर आएगी। ऐसे में दो पहिया वाहन चालकों का जीना दूभर हो गया है। नए आयुक्त मधुकर पांडे पर लोगों को आशाएं लगी हैं। शायद वे इस गंभीर समस्या की तरफ जरूर ध्यान देंगे।

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