मुंबई महानगरपालिका चुनाव पर भारी पड़ सकता है, उद्धव ठाकरे का ट्रैक रिकॉर्ड
मुंबई। चुनाव आयोग ने भले ही शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम छीन लिया हो, परंतु यह सच है कि इसके बावजूद उद्धव ठाकरे की ना तो हिम्मत कम हुई है और ना ही जोश। पिछले कुछ दिनों से उद्धव ठाकरे जिस तरह से उत्तर भारतीय समाज के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं, उससे साफ है कि मुंबई महानगरपालिका चुनाव में वे बीजेपी का सपना, साकार नहीं होने देंगे। जहां तक आम मुंबईकर का सवाल है, उसकी सहानुभूति और सपोर्ट उद्धव के प्रति बढ़ गई है।
लोग आज भी हिंदुत्व के नाम पर यदि किसी को खुले दिल और खुले मन से स्वीकार करते हैं तो वह बालासाहब ठाकरे ही हैं। उद्धव के पार्टी प्रमुख बनने के बाद, शिवसेना की विचारधारा और नीतियों में काफी बदलाव हुआ। खासकर उत्तर भारतीय समाज को लेकर शिवसेना नेताओं में स्पष्ट बदलाव दिखाई दिया, जो हाईकमान के निर्देश के बिना संभव नहीं था।
शिवसेना में आने वाले उत्तर भारतीयों को सम्मानजनक पदों पर बिठाया गया। पार्टी के मंच पर भी उत्तर भारतीय नेता दिखाई देने लगे। डॉ द्रिगेश यादव, ठाकुर, मनोज सिंह जैसे लोकप्रिय युवा चेहरों को राष्ट्रीय संगठक के रूप में नियुक्त किया गया। आनंद दुबे, शैलेश पांडे जैसे युवाओं को राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में जिम्मेदारी दी गई। उद्धव ठाकरे के साथ-साथ आदित्य ठाकरे भी पूरी तरह से सॉफ्ट चेहरे के साथ लोगों से मिल रहे हैं। मुंबई महानगरपालिका द्वारा संचालित स्कूलों में इमारत से लेकर शिक्षा तक जो भारी बदलाव दिखाई दे रहा है, उसका श्रेय आदित्य ठाकरे को जाता है।
आम आदमी के बच्चे इन्हीं विद्यालयों में पढ़ते हैं। स्कूलों के अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर, जल निकासी, पर्यावरण आज क्षेत्रों में भी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में अच्छे कार्य किए गए। ऐसे में सवाल उठता है कि उत्तर भारतीय समाज उद्धव ठाकरे का साथ क्यों न दे? यह बात सच है कि बीजेपी में उत्तर भारतीय नेताओं की फौज दिखाई दे रही है, परंतु यह भी सच है कि उनमें से कोई कमांडर नहीं है। एक भी उत्तर भारतीय नेता को यह पावर नहीं दिया गया है कि वह एक व्यक्ति को भी नगरसेवक का टिकट दे सके या दिला सके।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के राष्ट्रीय संगठक डॉ द्रिगेश यादव की माने तो जिस तरह से काशी के प्रकांड पंडित गागा भट्ट ने शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक किया था, उसी तरह मुंबई का संपूर्ण उत्तर भारतीय समाज उद्धव ठाकरे जी की ताजपोशी करेगा। उन्होंने कहा कि शिवसेना में सुनील प्रभु जैसे विभाग प्रमुख/विधायक हैं जो हमेशा उत्तर भारतीय समाज के साथ खड़े रहे हैं। उद्धव ठाकरे की विचारधारा में कोई खोट नहीं है। यह सबको पता है ,ऐसे में बीजेपी का परेशान होना स्वाभाविक है।