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आधुनिक युग के सूरत सिंथेटिक साड़ी व्यापार के अनोखे व्यापारिक अनुभव

सूरत के साड़ी के व्यापार के मापदंडों को किसी व्यापारी ने सही मायने में बदला है तो बहुत कम लोग इनकी समकक्ष आते हैं।  जहाँ सूरत जैसे बड़े विशाल मार्केट में दो लाख से भी ज्यादा कपडा व्यापारियो का दबदबा हैं। वहां एक छोटे से व्यापारी की बड़ी सोच ने कई चीज़ें बदल दी है। राकेश अग्रवाल जो सूरत के रिंग रोड कपडा मंडी में एक छोटा सा लेबल बनाते है और सूरत की आर्टिफीसियल सिल्क की साड़ियों के व्यापार में ऑनलाइन व्यापारी के तौर पर बहोत ही अग्रेसर है। उनकी यह कहानी आपको कुछ क्षणों के लिए रोमांचित कर देगी।

बिहार के मोकामा से पिताजी की रिटेल दुकान के अनुभव के साथ ही राकेश अग्रवाल ने तय कर लिया था कि क्या करना है? फाइनेंसियल क्षेत्र से स्नातक की डिग्री लेने के बाद सूरत गुजरात आकर अपनी और कपडे के व्यापार की दिशा और दशा बदलने का मन बनाया। साड़ी की व्यापार की उम्दा समझ कुछ ही समय में हांसिल करने के बाद इन्होने रुकने का नाम नही लिया। राकेश अग्रवाल का टेक्नोलॉजी के प्रति झुकाव उनको यूट्यूब जैसे माध्यम पर अपने व्यापार का अनोखा प्रचार करने तक ले आया और सूरत जैसी बड़ी मंडी में जिसको शिक्षा मिली हो वह भला कैसे रुकेगा?

राकेश अग्रवाल का दस साल का साड़ी मैनुफक्चरर के तौर का अनुभव ,उन्होंने छोटे और मध्यम वर्ग के कपडे व्यापारिओं के साथ उनको बेहतर बिज़नेस दिलवाने में बिताया है। उनका मानना हैं कि छोटे और माध्यम वर्ग के व्यापारी जब तक सही तरीके से अपना व्यापार नहीं सेट कर पाएंगे तब तक मुझ जैसे मैनुफक्चरर को ना ही सही तरीके से मार्केट का ज्ञान होगा ना ही हम जैसे मैनुफक्चरर सही दाम में सही आइटम सेट कर पाएंगे। व्यापार की दिशा और दशा बदलने में सराहनीय योगदान दिया है।

“यह पुरानी वैल्यू चैन सिस्टम नही है जहाँ प्रोडक्ट में बनाता हूँ और बड़े व्यापारिओं को बेच देता हूँ। मार्केटिंग और सेल्स की झंझट नहीं थी।  ग्राहक को तगड़ा मुनाफा जोड़ कर बड़े व्यापारी माल बेचता है। नतीज़न ग्राहक को पैसे भी ज्यादा देने पड़ते है और मैनुफक्चरर को मिलता भी कम है। मलाई पूरी बिचोलिये और  होलसेलर के हिस्से आती है।”

आगे राकेश अग्रवाल बताते हैं कि, “नयी वाली वैल्यू चैन सिस्टम  मुखयतः यूट्यूब और ऑनलाइन मार्केटिंग के सहारे खड़ी की जाती हैं, जहाँ छोटा और मध्यम वर्ग का व्यापारी सीधा मैनुफक्चरर से जुड़ कर अपना माल, सम्मान और मुनाफा सभी अच्छे से कमाता हैं।  कहीं ना कहीं ग्राहक छोटे और मध्यम वर्ग के इस व्यापारी के साथ जुड़ता भी है। ज्यादा मुनाफे की लालच आज के मॉडर्न जमाने में रखना भी गलत है, यह जानते हुए छोटा और मध्यम वर्गीय व्यापारी अपने संयम को बनाये रखता है। ” 

मुझे इस होलसेल लाइन की वैल्यू सिस्टम को ख़राब किये बिना छोटे और मध्यम वर्गीय व्यापारिओं तक अपना प्रोडक्ट पहुँचाना था और वह भी वाजिब दाम और गुणवत्ता के साथ कोई भी समाधान किये बिना। मेरा रास्ता हटके था यह नहीं कहूंगा, हाँ,  देर लगी पर लोगों ने यूट्यूब जैसे विश्वसनीय माध्यम से मुझसे जुड़कर अपना व्यापार बनाया और बढ़ाया भी यही मेरे लिए बड़ी सिद्धि थी।

दूसरी और मेरे बिज़नेस मॉडल में छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारियों के साथ किये गए व्यापार से सभी को अच्छा दाम और अच्छा प्रोडक्ट पहुंचता है और आखरी स्टेज पर ग्राहक भी संतुष्ट होता हैं और  कुछ पैसे बचाएं वाली फीलिंग लेकर घर जाता है।” राकेश अग्रवाल बताते हुए थोड़े भावुक हो जाते हैं।

हाल ही में  बॉलीवुड के अदाकार सोनू सूद के हाथों राकेश अग्रवाल को ग्लोबल फेम अवार्ड्स से भी सम्मानित किया गया है, इनके अनोखे प्रयासों के लिए। यह सूरत के एक मात्र व्यापारी है जो व्यापार को सही दिशा में ले जाने के लिए  दूसरे छोटे व्यापारिओं को पूरा सपोर्ट और होंसला देते हैं। कपडा बेचना एक बात हैं और बेचना सीखना और बेचने में सीधे सीधे तौर से मददरूप होना अलग बात है।

कोरोना के बाद हर व्यापारी की दशा और दिशा कुछ हद तक बदल गयी  हालांकि पहले भी छोटे और मध्यम वर्गीय कपडे के व्यापारीओं की दिक्कतें कम नहीं थी। पहले से ऑनलाइन व्यापार को बढ़ता देख कर बहोत छोटे व्यापारीओं ने अपने कपडे के व्यापार को किसी और व्यापार में परिवर्तित किया था और बाकी बचे कूचे कोरोना में अपना होंसला खोने लगे थे।

“केशव माधव फैशन का बिज़नेस मॉडल छोटे और मध्यम वर्गीय व्यापारी पर निर्भर है और उनकी अनदेखी करने गए तो बनाया गया वॉल्यूम (मात्रा) डायरेक्ट रिटेल में बेचने में बड़ी दिक्कतें  होगी। यह जानकर हमने यूट्यूब का सहारा लिया और केशव माधव फैशन सूरत को यूट्यूब के माध्यम से प्रचारित किया। कोशिश यह थी की ऑनलाइन जाने के बाद भी ग्राउंड से (जमीनी तौर से ) छोटे व्यापारीओं का होंसला बढ़ाते  रहना।”

आज के दौर में सबका साथ सबका विकास सिर्फ कहने की बातें नही है। इन जैसे व्यापारिओं को देख दिल से सलाम करने का मन होता हैं। क्योंकि कपडा आज और कल की जरुरत नही हैं, परसों और नर्सों भी आपको कपडा तो चाहियेगा और छोटे व्यापारी यदि कपडे के माध्यम से जुड़े रहते है तो मुनाफा भी सही सही हैं और इन्हे उम्मीद है कि व्यापार का विस्तार भी होगा। कभी ना कभी यह छोटा व्यापारी बड़ा जरूर बनेगा।

रोटी कपडा और मकान में कपडा ही ऐसा है, जिसमें इतनी वैरायटी और इतने प्रकार के फैशन आते जाते रहते हैं। तो आखिर कहीं ना कहीं जुड़े हुए व्यापारीओं को भी इसका लाभ मिलेगा और राकेश अग्रवाल जैसे उम्दा मोटिवेशन देने वाले व्यापारिओं को कहीं ना कहीं उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए आसानी से भुलाया नहीं जा सकता।

वेबसाइट: www.keshavmadhavfashion.in

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