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महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी और ज्ञान गंगोत्री काव्य मंच द्वारा अनूठा आयोजन

रामायण के नारी पात्रों के अभिनय की प्रभावशाली प्रस्तुति

मुंबई। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई और ज्ञान गंगोत्री काव्य मंच के संयुक्त तत्वावधान में “रामायण के नारी पात्र” शीर्षक से उनके भावपूर्ण अभिनय प्रदर्शन का अनूठा और सुंदर आयोजन बुधवार, 7 अगस्त, 2024 की शाम लोढ़ा पार्क, मुंबई के क्लब हाउस सभागार में किया गया।

इस आयोजन में प्रमुख अतिथियों के रूप में सुप्रसिद्ध लेखक अमीश त्रिपाठी और मशहूर बॉलीवुड अभिनेता धीरज कुमार मौजूद थे। समारोह की अध्यक्षता महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने की। अकादमी की उपाध्यक्षा एवं ज्ञान गंगोत्री काव्य मंच की संस्थापिका डॉ. मंजू मंगलप्रभात लोढा ने सभी अतिथियों का स्वागत सत्कार किया।

इस अवसर पर विभिन्न प्रमुख अतिथियों एवं अकादमी के कार्याध्यक्ष के अलावा महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यकारी सदस्य आनंद प्रकाश सिंह, गजानन महतपुरकर, मार्कंडेय त्रिपाठी और श्याम शर्मा ने भी अपने विचार और काव्य रचनाऍं प्रस्तुत कर दर्शकों की तालियाॅं बटोरीं। विभिन्न वक्ताओं ने रामायण की नारी पात्रों के प्रति अपने गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत किये।

इस समारोह में ज्ञान गंगोत्री काव्य मंच की लगभग 25 सदस्याओं ने रामायण के विभिन्न नारी पात्रों का प्रभावशाली अभिनय प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रामायण के नारी पात्रों के विविध आयामों को समझना और उनके योगदान को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना था। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सहनिदेशक एवं सदस्य सचिव सचिन निम्बालकर ने सभी का आभार प्रदर्शन किया।

समारोह का सुरुचिपूर्ण मंच संचालन अकादमी की सदस्या श्रीमती प्रमिला शर्मा ने किया। माता कौशल्या के रूप में प्रभा लोढ़ा, माता कैकई के रूप में सुमन कोठारी, माता सुमित्रा के रूप में राज मखारिया और देवी अहिल्या के रूप में सुनीता मंडेलिया ने सशक्त अभिनय किया।

इसी प्रकार देवी सुनयना का किरदार उषा बियानी, देवी सीता का बालिका पात्र प्रतिभा संकलेचा, देवी सीता माॅं का युवा किरदार सरोज कोठारी और देवी उर्मिला का किरदार मंजू लोढ़ा ने बखूबी निभाया। अन्य नारी पात्रों में मंथरा दासी के रूप में लता सोलंकी, देवी अनुसुया के रूप में मीना सुंदेसा, राक्षसी शूर्पनखा के रूप में प्रेमा बागड़ी, देवी तारा के रूप में कांता बरमेचा, देवी मंदोदरी के रूप में मंजू सुराना, राक्षसी त्रिजटा के रूप में मुदिता अग्रवाल और देवी सुलोचना के रूप में सरोज जैन ने अपने भावपूर्ण अभिनय से सबकी वाहवाही लूटी। नारी पात्रों के अभिनय प्रदर्शन के बाद बाद ज्ञान गंगोत्री काव्य मंच की विभिन्न सदस्याओं ने रामायण विषय पर अपनी रोचक कविताऍं भी सुनाईं।

इन सदस्याओं में इन्दिरा ख़िमसरा, कला जैन, मधु लखोटिया और रेखा दोशी शामिल रहीं। कार्यक्रम में उपस्थित बर्लिन से पधारी कवियत्री डॉक्टर योजना जैन ने भी अपना काव्य पाठ किया। समारोह का शुभारम्भ महाराष्ट्र राज्य गीत एवं दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ, जबकि समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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