सूरत देशभर मिनी भारत के नाम से भी मशहूर है। क्योंकि सूरत में हर राज्य के लोग रोजगार की तलाश में आकर यहां सालों से बसे हुए है। लेकिन वह सूरत में रहकर भी अपनी परंपरा संस्कृति नहीं भूले है। हर त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाते है। साथ ही अपने वतन से भी जुड़े होने से उनका वतन आना जाना लगा रहता है। बात करें यूपी की तो सूरत समेत दक्षिण गुजरात में बड़ी तादाद में यूपीवासी लोग बसे हुए है। जनादार के कारण राजनीति में भी उनका अच्छा होल्ट है। महानगर पालिका समेत कई अहम पदों पर भी उत्तर भारतीय विराजमान है। यूपी में होनेवाले चुनावों में भी वह अपनी अहम भूमिका निभाते नजर आते है।
कार्यकर्ता-नेता करीब 25 कारों के काफिले के साथ यूपी रवाना
गुजरात में चुनावी दंगल के बाद अब सूरत में रहने वाले उत्तर प्रदेश के नेता और कार्यकर्ता यूपी में प्रचार की कमान संभालने के लिए तैयार है। प्रवीण सिंह, ललित शर्मा व अशोक सिंह की देखरेख में उत्तर प्रदेश की जौनपुर और मछलीशहर लोकसभा सीटों पर भाजपा के लिए प्रचार करने के लिए कार्यकर्ता-नेता करीब 25 कारों के काफिले के साथ यूपी रवाना हो गए हैं। हर गाड़ी पर एक पोस्टर भी लगाया गया है। जिसपर एक तरफ गुजरात के प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिल व दूसरी तरफ प्रत्यासी की फ़ोटो लगी हुई हैं। यूपी की बात करें तो यहां देश में लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटें होने से स्वाभाविक है कि सभी पार्टियां यहां पर ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने के लिए एडीचोटी का जोर लगाती है।
माइक्रो प्लानिंग कर गुजरात के नेताओं को प्रचार में उतारा
पिछले चुनावों में भी भाजपा ने अपने नेता और कार्यकर्तांओं की फौज यूपी में उतारी थी। इस बार भी भाजपा ने माइक्रो प्लानिंग कर यूपी में होल्ट रखने वाले गुजरात के नेताओं को मैदान में उतारा है। सूरत में रहने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी चुनाव प्रचार के लिए यूपी भेजा गया है।
लोकसभा सीटों के हिसाब से तय की जा रही है रणनीति
सूरत के पूर्व भाजपा पार्षद नेता यजुवेंद्र दुबे ने कहा कि सूरत से अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों के हिसाब से गाड़ियों का काफिला निकल रहा हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में भी गुजरात में हो रहे विकास और मोदी मॉडल को लेकर यूपी में नेता और कार्यकर्तांओं ने प्रचार प्रसार किया गया था। जिसके अच्छे नतीजे भी देखने को मिले थे। सूरत के उधना, पांडेसरा, गोडादरा, पर्वत पाटिया जैसे इलाकों में यूपीवासियों की संख्या लाखों में है। उत्तर प्रदेश में अलग-अलग चरणों में मतदान होने जा रहा है तो लोकसभा सीटों के हिसाब से रणनीति तय की जा रही है। यहां के मुद्दे भी वहां प्रस्तुत कर विकास पर चर्चा होगी।