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प्री मानसून में मक्का की बुआई किये जाने के बाद अब किसानों को बारिश का इंतजार

उदयपुर कान्तिलाल मांडोत राजस्थान में बारिश की बेरुखी से हर किसान परेशान होता है। मानसून समय पर नही आने से खेतों की तरलता समाप्त हो जाती है। जब किसान को लगता है कि बारिश का समय बीतता जा रहा है तो किसान सूखे खेत मे मक्का की बुहाई करते है। हर वर्ष उदयपुर जिले के कई इलाकों में बारिश समय पर नही होती है। मजबूर किसान तब प्री मानसून में खेतों में बुआई करने लग जाते है। उदयपुर जिले के गोगुन्दा,कोटड़ा और सायरा क्षेत्र में गांवो में किसान हल जोत कर बुआई करने लग गए है। जून महिने की 15 से 22 तारीख तक मानसून का इंतजार रहता है। उसके बाद किसान का इंतजार खत्म हो जाता है।

प्री मानसून तापमान में गर्मी की वृद्धि के कारण दोपहर और शाम के समय मे बौछारे पडऩे के बाद बंद हो जाती है। किसान उसी में खेत मे बुआई करते है। जब मानसून समय पर नही आता है तो खेत मे बुराई की गई खरीफ फसलो को नुकसान होता है। यह हर वर्ष का क्रम है। समय पर बारिश नही आने से फसलों को भारी नुकसान होता है। कभी कभी किसान बीज का खर्च भी नही निकाल पाता है। सरकारी मुआवजा के लिए सरकारी दफ्तर के चक्कर काट कर हार कर घर बैठ जाता है। किसान की आय को बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को हर तरह की सहायता करनी होगी।

देश में अनेक राज्यो में बारिश हो गई है। बिहार में तो बाढ़ जैसे हालात बन गए है। जबकि राजस्थान में भी अनेक जिले तरबतर है। कई जगह मानसून की बारिश का लोगो को इंतजार है। गर्मी और आर्दता का पर्याय बनकर किसान को कोई विशेष फायदा नही पहुंचाता है। उदयपुर के कोटड़ा,गोगुन्दा और सायरा क्षेत्र के जंगल के आदिवासी गरीब परिवारों के पास खेती ही रोजगार या घर के भरण पोषण का साधन है। जंगल मे बसे परिवारो के खेत समतल भूमि पर नही होने से बारिश का पानी नही टिकता है। हर वर्ष मक्का और सोयाबीन की फसल उतनी लाभकारी नही होती है जितना किसान अनुमान लगाता है। किसान को हर समय सरकार की मदद मिलनी चाहिए। धरती पुत्र के पास उपजाऊ भूमि के लिए पर्याप्त साधन और सुविधाएं उपलब्ध होगी तो खेत मे पैदावार में बढ़ोतरी होगी।

गोगुन्दा और निकटवर्ती गांवों में पानी की कमी के कारण दूसरी फसल या सब्जियां नही होती है। क्षेत्र में हर वर्ष एक जैसी बारिश नही होती है। जिससे किसान मायूस होता है। हर वर्ष की भांति इस वर्ष प्री मानसून की बारिश में ही किसानों ने हल जोत दिया है।खेतो में बुआई की जा रही है। क्षेत्र में कई बारिश ज्यादा तो कई कम हुई है। लेकिन किसान को मजबूरीवश खेत मे बुआई करनीं पड़ रही है। देवड़ो का गुडा के भूरसिंह देवड़ा ने बताया कि प्री मानसून की बारिश में मक्का की बुआई की गई। मक्का उग कर बड़ी हुई है,लेकिन अब बारिश की आवश्यकता है। अगर चार पांच दिन में बारिश होती है तो मक्का को जीवनदान मिल सकता है। तरपाल के किसान नानालाल सुथार ने बताया कि खेत मे नमी आई है और हम अब बुआई कर रहे है। रावलिया कला के मोहनलाल नाई ने बताया कि आज बुआई की गई है।

गोगुन्दा तथा अन्य क्षेत्रीय इलाको में बारिश का आज भी लोगो को इंतजार है। दरअसल,देखा जाए तो अभी मानसून की बारिश नही हुई है। जबकि किसानों का विचार है कि समय निकलने के बाद मक्का या कोई अन्य फसल अच्छी नही होती है।

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