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कोरोना का रुद्र रूप, गोगुन्दा में आज 54 कोरोना संक्रमित मरीज मिले
उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) शहर में कोरोना ने रुद्ब रूप धारण किया।शहर में मरीज बढ़े है।बालिका गृह ने बालिकाए संक्रमित मिलने के बाद अन्य ग्रह की जांच शुरू कर दी है।उदयपुर सहित जिले में स्वास्थ्यकर्मी जान की परवाह किए बिना लोगो की जान बचाने में जुटे है।शहर के अस्पताल में परिस्थितिया अनुकूल नही है।लेकिन अपने फर्ज पर अडिग है।थोड़ी चूक में खतरे का भय रहता है।लेकिन अपनी जान से पहले उन मजबूर कोरोना संक्रमितों की चिंता है जो अकेले परिवार से दूर जीवन और मौत की बीच संघर्ष कर रहे है।
देश के उन स्वास्थ्य कर्मियों को साधुवाद ,जो अपने परिवार से दूर एक अजनबी कोरोना संक्रमितों की सेवा कर रहै है।उनके इस कठिन परिस्थितियों में एक परिवार का सदस्य बन कर सेवा दे रहे है।इस भयंकर बीमारी में घर मे एक सदस्य को कोरोना हो गया है तो उसके पास भी नही जाते है।कोरोना मरीज के रूम में भी प्रवेश करने से कतराते है। राज्य सरकार ने कोरोना की चेन तोड़ने के लिए सहयोग की अपील की है।एक मई से शुरू होने वाले टीकाकरण अभियान में राज्य सरकार ने वैक्सीन का ऑर्डर दिया था, लेंकिन लेटलतीफी के कारण अड़चन खड़ी हुई है।युवाओं का क्रेज टीकाकरण में बढ़ रहा है।देश की हालात देखते हुए अब उनमे भी टिका लगाने की होड़ लगी है।
कोरोना की जंग में हथियार बनकर सामने आया को-वैक्सीन को अमेरिका ने प्रभावी माना है।कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट को निष्प्रभावी करने में सक्षम है।टीकाकरण के अगले अभियान में हरेक को सहभागी बनना है।एक दूसरे की मदद करना है।भारत मे संक्रमण की दूसरी लहर खतरनाक है।इस वेरिएंट की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था और सामाजिक जीवन के अलावा कोरोना वायरस ने शिक्षा और पठन पाठन में निम्न स्तर की गिरावट आई है।स्कूल से लेकर उच्च स्तरीय शिक्षा लगभग खत्म हो गई है।छात्र छात्राओं में साल खराब होने से मानसिक चिंता बढ़ रही है।आदि अधूरी पढ़ाई के बाद जब परीक्षा आयोजित की गई तो उसके पूर्व लोकडाउन की वजह से फिर से बोर्ड की परीक्षा नही चाहते हुए सरकार को स्थगित करनी पड़ी।अब शिक्षा का एक सामन्यकारी और समावेशी ढांचा बनाया जाए ,जिसमे डिजिटल शिक्षा से सभी वर्ग के बच्चे लाभांवित हो सके।अभी का समय संकटमय है।
मनुष्य की सांसो पर संकट पैदा हो गया है।इसके लिए जिम्मेदार मनुष्य ही है।प्राकृतिक साधनों का अत्यधिक दोहन करने से तथा व्यवसायिक मानसिकता से पर्यावरण को प्रदूषित किये जाने से मनुष्य के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता निरन्तर कम हो गई है।लेकिन यह समय भी बीत जायेगा।ईश्वर पर भरोसा और आवश्यक सावधानी हमारे अन्तःकरण में उर्जा के संचार का आधार है।एक वर्ष से ज्यादा समय से एक ही नारा सुनते आ रहे है।दो गज की दूरी मास्क है जरूरी ,मेरी सुरक्षा मेरा मास्क ।यह नारे को लेकर हमने आवाज तो बुलन्द कर दी,लेकिन व्यवहारिक रूप में अपनाने में नाकाम रहे।हालांकि कुछ लोग इसके अपवाद है।
एक साल से लंबे समय से लोगो ने इसे नजर अंदाज करना शुरू कर दिया।जिसका नतीजा हम वर्तमान समय मे देख रहे है।बढ़ते समय मे शादी विवाह समारोह चिंता का विषय है।उदयपुर जिले की कोटड़ा ,गोगुंदा और सायरा में विवाह की शहनाई बज रही है।शादी में 50 व्यक्ति की आधिकारिक छूट के बावजूद लोग प्रोटोकॉल का पालन करने में असमर्थ है।लोग बिन्दोली में भी गाइडलाइन का पालन नही करेंगे तो पुलिस दूल्हे दुल्हन के अभिभावकों के प्रति सख्ती से पेश आएगी।
सायरा चिकित्सा अधिकारी आर एस मीणा ने बताया कि आज 54 कोरोना पॉजिटिव केस मिले है।गोगुन्दा में आज 54 पॉजिटिव मरीज मिले। गोगुंदा और सायरा में दूसरी सीजन में सबसे ज्यादा 54 कोरोना पॉजिटिव केस मिलने से लोगो मे ख़ौफ़ बढ़ गया है।गोगुन्दा और सायरा में बढ़ते मरीजो से चिंताजनक परिस्थिति का निर्माण हुआ है। लोग घरों में ही बन्द है।जोकि आवश्यक सामग्री के लिए घर से निकलते है।गोगुंदा और सायरा अस्पताल में जांच में लोग क्षेत्र से पहुँच रहे है।गत दिन गोगुंदा और सायरा में बारिश होने हुई थी।जिससे मौसम में बदलाव हुआ है।लोकडाउन से लोगो को अपने सेहत का ध्यान रखना चाहिए।एक भूल से लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।