सूरत

जीएसटी का विरोध : टेक्सटाइल मार्केट, डाइंग प्रीटिंग मिल, लूम्स कारखाने रहे बंद, काले झंडे के साथ थाली बजायी

सूरत।1 जनवरी, 2022 से कपड़ा उद्योग की वे श्रृंखला पर 12 प्रतिशत जीएसटी दर के विरोध में शहर के सभी 170 कपड़ा बाजारों में 70,000 से अधिक दुकानों को संगठनों द्वारा आज बंद रखने का ऐलान किया गया था। सांकेतिक बंद को व्यापारियों के ओर से अच्छा प्रतिसाद मिला है। डाइंग प्रोसेसिंग मिले, लूम्स कारखाने बंद रहने से व्यापारी और उत्पादकों के बीच एकता का माहौल देखने को मिला। जीएसटी काउंसिल के फैसले के खिलाफ अलग अलग व्यापारियों ने इकट्ठा होकर काला झंडा लहराकर और काली पट्टी बांधकर विरोध किया, जबकि कुछ इलाकों में थाली बजाकर विरोध प्रदर्शन किया।

सांकेतिक बंद में दिखाई दी एकता

सभी व्यापारियों ने अपनी एकता की ताकत दिखाई है। कई बार सोशल मीडिया ग्रुप्स पर भी जीएसटी को लेकर व्यापारियों में लगातार खींचातान दिखायी देती थी। बकुछ व्यापारी जहां सत्तारूढ़ दल के समर्थन में दिखाई दिए, वहीं कुछ व्यापारियों ने विरोध जारी रखा। हालांकि आज हर कोई कपड़ा बाजार के बंद के ऐलान में शामिल होकर अपना समर्थन दिया।

सांकेतिक बंद

फोस्टा के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने कहा हमने एक दिन के लिए सांकेतिक बंद रखा है ताकि जीएसटी दर में वृद्धि न हो। हम जीएसटी काउंसिल तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बंद की हमारी घोषणा में किसी का कोई राजनीतिक हित नहीं है। केवल व्यापार संगठन सक्रिय हैं और हमें उम्मीद हैं कि वे हमारे स्थानीय विधायक और कपड़ा मंत्री की पेशकश के कारण जीएसटी काउंसिल द्वारा लिए गए निर्णय पर पुनर्विचार करेंगे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी ट्रेड एसोसिएशन कहीं भी बड़ी संख्या में एकत्रित नहीं होने जा रहे हैं।

संगठनात्मक विपक्ष – फोगवा

फोगवा के अध्यक्ष अशोक जीरावाला ने कहा कि इस बार व्यापारी वास्तव में एकजुट हैं। जीएसटी का मुद्दा किसी खास बाजार या प्रोसेसिंग हाउस का नहीं है। यह पूरे देश का सवाल है। महंगाई बर्दाश्त करने लायक स्थिति नहीं है। अब तक व्यापारियों द्वारा बहुत ही शांतिपूर्ण प्रतिनिधित्व और विरोध प्रदर्शन हुए हैं। आज हमारे कुछ संगठनों ने काले झंडे लहराकर और थाली बजाकर विरोध किया है। जीएसटी काउंसिल के सदस्य और हम आपसे अनुरोध करते हैं कि हमारी मांग पर विचार करें, अन्यथा उद्योग के लिए एक बहुत बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। राजनीतिक आरोपों से बचने के लिए आज संगठित विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

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