नए विचार, नए संकल्प तथा नूतन इनोवेशन के साथ राष्ट्र निर्माणार्थ प्रवृत्त हों : राज्यपाल देवव्रत आचार्य
राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री की वर्चुअल उपस्थिति में 49 हज़ार छात्रों को उपाधियाँ प्रदान
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुजरात विश्वविद्यालय के 70वें दीक्षांत समारोह में वर्चुअल प्लेटफ़ॉर्म से छात्रों को प्रेरणापूर्ण संबोधन देते हुए समयानुकूल शिक्षा-दीक्षा के आयुध से सुसज्ज होकर आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत का संकल्प साकार करने का आह्वान किया है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इन युवाओं को प्राप्त हो रही उपाधि या डिग्री केवल प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि भविष्य के उज्ज्वल भारत की अपेक्षा-आकांक्षा का आशा पत्र है।
इस वर्चुअल समारोह की अध्यक्षता राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति तथा राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत ने की तथा शिक्षा मंत्री जीतूभाई वाघाणी एवं शिक्षाराज्य मंत्री कुबेरभाई डिंडोर भी विशेष अतिथि के रूप में वर्चुअली उपस्थित रहे।
इस 70वें दीक्षांत समारोह में विभिन्न विद्या संकायों के कुल 49 हज़ार से अधिक विद्यार्थियों को उपाधियाँ, प्रमाण पत्र और 200 पदक तथा 62 पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने गुजरात विश्वविद्यालय के 70वें दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त कर रहे युवा विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ दीं।
राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि आज देश को कर्तव्य परायण युवा शक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने डिग्री प्राप्त कर रहे युवाओं सेआग्रह किया कि वे सत् के मार्ग पर अपने कर्तव्य धर्म का पालन करते हुए नए विचार, नए संकल्प तथा नूतन इनोवेशन के साथ राष्ट्र निर्माण के लिए प्रवृत्त हों।
राज्यपाल ने युवा छात्रों को भावी पीढ़ी के लिए आदर्श बनने की प्रेरणा देते हुए कहा कि दीक्षांत के बाद विद्यार्थी राष्ट्र की उन्नति के लिए संकल्पबद्ध होकर श्रेष्ठ समाज के निर्माण तथा समाज एवं राष्ट्र का गौरव बढ़ान के लिए प्रवृत्त हों।
उन्होंने कहा कि युवा ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या, नशे की लत जैसी चुनौतियों का दमन करने के लिए आगे आएँ। उन्होंने रासायनिक कृषि के दुष्परिणामों को समाप्त करने का तथा प्राकृतिक कृषि को समय की मांग बताते हुए इस क्षेत्र में योगदान देने का अनुरोध किया।