
सूरत के व्यापारियों के फंसे 200 करोड़ वापस दिलाने गृहमंत्री से लगाई गुहार
व्यापारियों की एसआईटी का गठन करने की मांग
पिछ्ले साल अहमदाबाद में व्यापारियों को कारोबार में वित्तीय सुरक्षा दिलाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करके पुलिस द्वारा फंसे करोड़ों रुपयों के वित्तीय मामले का निवारण किया गया था। अहमदाबाद के तर्ज पर सूरत में भी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन का गठन करने के लिए कपड़ा व्यापारियों ने गुजरात राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी से मांग की है। कोरोना के बाद कपड़ा मार्केट में पेमेंट की साईकिल 45 दिन के बजाय 180 दिन तक हो गई है।
बाहर के कई व्यापारी जानबूझकर सूरत के कपड़ा व्यापारियों को खरीदी का भुगतान नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण सूरत के करीबन 200 करोड़ का पेमेंट 4 शहरों में फसा होने की बात फोस्टा ने कहीं । जिसके कारण संस्था ने गृहमंत्री से गुहार लगाई थी। फोस्टा के पदाधिकारी ने बताया कि व्यापारियों से मिली शिकायत के मुताबिक हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली और जबलपुर के कई व्यापारी कपड़ा खरीदी करके पेमेंट समय पर नई चुका रहे हैं। एक लंबे समय से पेमेंट फंसा हुआ है। जिसके कारण अहमदाबाद के जैसे ही सूरत ने भी एसआईटी का गठन करने की मांग गृह मंत्री से की गई है।
फोस्टा प्रमुख मनोज अग्रवाल ने बताया कि हमारे पास बड़े व्यापारियों के 15 करोड़ फंसे होने के मामले आए हैं। अगर छोटे व्यापारियों की गिनती की जाए तो यह आंकड़ा 200 करोड़ के पार होगा। मुख्यता चार शहर दिल्ली, जबलपुर, कोलकाता और हैदराबाद से फंसे रुपए पुलिस कार्रवाई से वापस मिले इसके लिए गृहमंत्री से मांग की गई है।



