कैट ने 27 जनवरी को ई-कॉमर्स मुद्दों को लेकर ई कॉमर्स कंपनियों से की सीधा संवाद की पेशकश
सरकार को सिफारिशें भेजने पर चर्चा होगी
ऐसे समय में जब भारत का मौजूदा ई-कॉमर्स व्यवसाय पूरी तरह से दूषित हो रहा है, जिसका घरेलू व्यापार पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है को लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इंडिया सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए), ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन (एआईसीपीडीएफ), ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (एआईएमआरए), ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन (एआईजेजीएफ), कंप्यूटर मीडिया डीलर्स एसोसिएशन (सीएमडीए) के साथ मिल कर लगातार ई-कॉमर्स के मुद्दों पर व्यापारियों की आवाज उठाई है, और अब इसी कड़ी में ई-कॉमर्स व्यापार के ऑफलाइन और ऑनलाइन स्टेकहोल्डर्स के साथ एक सीधा संवाद कार्यक्रम आगामी 27 जनवरी को आयोजित किया है जिसमें ई-कॉमर्स नीति जो वाणिज्य मंत्रालय के डीपीआईआईटी विभाग द्वारा तैयार की जा रही है पर व्यापक चर्चा के बाद सरकार को सिफारिशें भेजने पर चर्चा होगी।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस तरह की बैठक की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि कैट का दृढ़ मत है कि भारत में सोशल कॉमर्स सहित किसी भी डिजिटल मोड के माध्यम से सभी प्रकार के सामानों का व्यापार या सभी प्रकार की सेवाएं ई-कॉमर्स के दायरे में लाना चाहिए। देश में ऑनलाइन कारोबार के संचालन के बारे में ई-कॉमर्स स्टेकहोल्डर्स के बीच तीव्र मतभेद मौजूद हैं।इसलिए, यह अधिक आवश्यक है कि ई-कॉमर्स नीति तैयार करने वाले विभाग डीपीआईआईटी को इनपुट प्रदान करने के लिए स्टेकहोल्डर्स के बीच ई-कॉमर्स व्यवसाय के बुनियादी सिद्धांतों पर एक व्यापक सहमति होनी चाहिए।
खुदरा व्यापार का सबसे बड़ा स्टेकहोल्डर होने के नाते कैट ने इस तरह की बैठक आयोजित करने के लिए व्यापार एवं ई कॉमर्स से जुड़े अन्य वर्गों के प्रमुख संगठनों के अन्य प्रमुख संगठनों के साथ एक पहल की है, जो की मौजूदा समय की आवश्यकता है। भरतिया और श्री खंडेलवाल दोनों ने स्पष्ट किया कि कैट ई-कॉमर्स व्यापार या किसी ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ नहीं है, लेकिन इस दृढ़ विचार के साथ कि देश के कानून और नीतियों का अक्षर और भावना दोनों के साथ पालन किया जाना चाहिए, कैट इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहा है।
भरतिया और खंडेलवाल ने बताया कि कैट ने आज उक्त सीधा संवाद का आमंत्रण अमेज़न, फ्लिपकार्ट, रिलायंस, टाटा, जोमाटो, स्विगि, बिग बास्केट, फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, इंस्टाग्राम, लेंस कार्ट, ग्रॉफर्स , जूम, मेक माई ट्रिप, ईज माई ट्रिप, बिग बास्केट,पेपरफ्राई, ईबे, गोइबिबो, स्नैपडील, बुक माई शो, मिंत्रा, पेटीएम, मास्टरकार्ड, वीजा, अमेरिकन एक्सप्रेस, रुपे, नायका, शॉपक्लूज, क्लियरट्रिप, नौकरी डॉट कॉम, उड़ान, हेल्थकार्ट, 1 एमजी, ओला, उबर, कारवाले, फर्स्टक्राई, आईआरसीटीसी , हंगामा डॉट कॉम, गाना डॉट कॉम, ओयो, अर्बन लैडर, अर्बनक्लैप, बायजस, नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम, जी5, हॉटस्टार, वूत, ए एल टी बालाजी, जिओ सिनेमा, सोनिलिव, और कुछ अन्य जो डिजिटल मोड के माध्यम से अपनी व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं उनको भेजा है
दोनों व्यापारी नेताओं ने बताया कि फेडरेशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (फिसमे), रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई), इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए), लघु उद्योग भारती, नेशनल फार्मर्स फेडरेशन (एनएफए), इवेंट और मनोरंजन प्रबंधन एसोसिएशन, सिनेमा थियेटरों का संघ, भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ (एनआरएआई), ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, होटल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन आदि को भी इसका आमंत्रण भेजा है।
भरतिया और श्री खंडेलवाल ने आगे बताया कि कॉरपोरेट रिटेलर्स बिग बाजार, शॉपर्स स्टॉप, मेट्रो कैश एंड कैरी, वी मार्ट, डी-मार्ट, डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां एमवे, ओरिफ्लेम, हर्बल लाइफ , एफएमसीजी कंपनियां कोक, पेप्सी, आईटीसी, प्रॉक्टर एंड गैंबल, रेकिट एंड कॉलमैन, हिंदुस्तान लीवर, पतंजलि, आदि को भी बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
दोनों नेताओं ने कहा कि देश के एक जिम्मेदार व्यापार संगठन के रूप में, हमने ई-कॉमर्स से जुड़े सभी क्षेत्रों के प्रमुख संघों और प्रमुख कंपनियों को अपने विचारों को सार्वजानिक करने और भारत के ई-कॉमर्स परिदृश्य में स्वच्छता और पारदर्शिता लाने का प्रयास करने के लिए आमंत्रित किया है।यदि आमंत्रित प्रतिभागी बैठक में शामिल नहीं होते हैं, तो यह माना जाएगा कि वे भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय में अपने तरीके के चलने का इरादा रखते हैं और प्राप्त इनपुट को सरकार को भेजा जाएगा।