
ग्रामीण क्षेत्र में लॉकडाउन का दिखा असर, गोगुंदा में घट कर 32 हुए कोरोना संक्रमित मरीज
उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) उदयपुर अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज आ रहे है। जिस तरह लोकडाउन के बावजूद कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। इससे स्थिति सामान्य होने में समय लगेगा। उदयपुर अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हर किसी व्यक्ति की चिंता बढ़ा रही है। मरीज हररोज बढ़ रहे है ऐसे में सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी महसुस की जा रही है। शहर और गांव से गंभीर अवस्था मे मरीज अस्पताल पहुँच रहे है।
उदयपुर जिले के गांवो के हालत खराब होते जा रहे है। गोगुंदा तहसील में जहाँ एक दो मरीज संक्रमित मिलते थे। वही अनेक मरीज को होमाऐसोलेट किया जा रहा है। गांव की हवा को खराब कर दिया है। कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। गांवो में परिवार के साथ रहने और संक्रमित व्यक्ति गांव में किसी रोकटोक से गांव की गलियों में घूमने के कारण कोरोना बढ़ा है। प्रदेश में अब आरटीपीसीआर को पहली प्राथमिकता दी जाएगी। संदिग्ध मरीजो के रेपिड एंटीजन टेस्ट किया जाएगा।
लॉकडाउन के बावजूद लोगो के हालत खराब है। लोग घरों में कैद होने पर भी अपने परिवार जनों को अस्पताल लाने ले जाने के लिए अफरातफरी मची हुई है। गांव हो या शहर हर जगह चालबाज लोग मिल आजाएंगे। पुलिस को चकमा देकर गलियों से निकल जाते है। जिससे रोग के बढऩे की संभावना रहती है। यही कारण है कि रोज के सैकड़ों कोरोना संक्रमित बढ़ रहे है। यह गलत बात है। आप पुलिस को गच्चा देकर आप ही का नुकसान कर रहे है।आप अपने परिवार को संकट में डाल रहे है। लॉकडाउन का असर ग्रामीण क्षेत्रों में भी असर छोडऩे लगा है।
सायरा के चिकित्सा अधिकारी आर एस मीणा ने कहा कि आज गोगुंदा और सायरा में कोरोना संक्रमित मरीज कम हुए है। आज गोगुन्दा में 32 कोरोना मरीज मिले है। ग्रामीणों में खुशी की लहर है। दरअसल,उदयपुर सहित प्रदेश कालाबाजार करने वाले कुकरमुत्तों की तरह फैल रहे है। मजबूर मरीजो के सांसो का सौदा करने वाले सौदागर दवाइयां, इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कालाबाजरी कर ऐसोआरम की जिंदगी जी रहे है। लेकिंन औषधि नियंत्रक विभाग भी अलर्ट है। प्रशासन कोरोना पर काबू पाने की दिशा में रात दिन प्रयास रत है। लेकिन अभी तक सफलता हाथ नहीं लग रही है।
कोरोना की तीसरी लहर से घबराई देश की जनता की परेशानी बढ़ गई है। कोरोना रूपी राक्षक अपने विध्वंसक इरादों के साथ इंसानों का दुश्मन बनकर मानवीय सांसो को खत्म करने की जुगत में लगा हो। तब ज्ञान, विज्ञान, धर्म, साहित्य आदि मानव कल्याण की सारी इकाइयों को कोरोना रूपी विभीषिका का मुकाबला करने के लिए कमर कसकर मैदान में आना होगा। विज्ञान ने हर दौर में अपने रचनात्मक प्रयोगों से मानव जीवन पर आए संकटों को खत्म करने के प्रयास किए है। इस भयावह आपदा में जीवनशैली को बदलने की आवश्यकता है। खतरों को देखते हुए आम इंसान को भी, जागरूक होना पड़ेगा। प्लेग,फ्लू,चेचक जैसी विश्वव्यापी महामारियों से भारत ने विषम परिस्थितियों में धैर्यपूर्वक मुकाबला किया है।
देश के सामने अकाल की परिस्थिति भी भयानक थी। लेकिन भारत ने धीरज नही खोया। आज कोरोना महामारी सृष्टि के इतिहास की भीषण एवं जानलेवा चुनौती है। लेंकिन घबरा नही है। गांवो में आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण किया जा रहा है।
गोगुन्दा तहसील के वास गांव में आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण करते हुए कार्मिक-
उदयपुर जिले के गोगुन्दा के वास गांव में आज 280 लोगों को उबाल कर आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया गया। वास पंचायत नारायणसिंह ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी मुकेश भारद्वाज की उपस्थिति में 280 लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण किया गया। जिसमें मास्क पहना और दो गज की दूरी का पालन किया गया। गोगुंदा से लेकर सायरा और कोटड़ा से लेकर झाडोल की सडक़ें सुनसान है। सभी घरों में रहे।कोरोना को भगाने के लिए हौसला बुलन्द करे।