अखिल राजस्थान पुजारी महासंघ के अधिवेशन में पुजारियों के हित में लिए अहम निर्णय
उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) । उदयपुर जिले के गोगुन्दा तहसील के पुनावली में अखिल राजस्थान पुजारी महासंघ का अधिवेशन हुआ। दूर दूर से पुजारी समाज के महानुभावों ने हिस्सा लिया। अधिवेशन में पुजारियों के हित और हक के लिए मंत्रणा की गई। चर्चा में पुजारियों को पूजा अर्चना की विशेष जानकारी उपलब्ध कराकर परम्परा से मंदिरों की साफ सफाई और दोनों समय भगवान की आंगी कर आरती कर भगवान को भोग आदि सामग्री में वैष्णव समाज के पुजारियों का योगदान की जाजम पर प्रशंसा की गई। लेकिन उसी विकल्प पर घोर किया जाए तो पुजारियों पर अत्याचार अभी तक कम नही हुए है। बैठक में मंदिरों में असामाजिक तत्वों द्वारा पुजारी व धर्म से जुड़े लोगों पर गलत आरोप लगाए जाने को लेकर विरोध जताया गया। आज वैष्णव समाज को एकत्र होने की जरूरत है।
बलवंत वैष्णव उदयपुर की अध्यक्षता में पुजारियों की समस्या से निजात दिलाने के लिए राजस्थान सरकार का ध्यान आकृष्ट करने की चर्चा पर जोर दिया। बैठक में सरकार को ज्ञापन देने और मूल समस्या से छुटकारा नही मिलने पर सरकार को करीब 5 हजार पुजारियों के माध्यम से विधानसभा सभा घेरने की चर्चा हुई। डोली भूमि के मामले में अखिल राजस्थान पुजारी महासभा ने बैठक के दौरान भी कई बार पुजारियों के हितों की बात की जाती है। जबकि पुजारी समाज लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत है। लेकिन सरकारे लगातार पुजारी समाज के हितों को अनदेखा करती आ रही है। पुजारियों को सम्मानजनक हल निकालने का भरोसा दिलाया जाता है। लेकिन मांगो को हर समय अनदेखा कर दिया जाता है।
अधिवेशन में सरकार से मांग की गई है कि राजा महाराजाओ ने पूजा के लिए जमीन आवंटित करने के फरमान जारी किए थे। परंतु तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरुसिंह शेखावत की सरकार ने पुजारियों के नाम हटाकर 13 दिसम्बर 1991 को मंदिर के नाम कर दिया था। जिस कारण से भूमाफिया ने डोली भूमि पर अतिक्रमण और पुजारियों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। पिछले कई समय से राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। लेकिन अभी तक सरकार ने पुजारियों की समस्या को लेकर कोई सुनवाई नही की है। पुजारी समाज राज्य स्तर पर आयोजन कर सरकार को पुजारी समाज की समस्या को मनवाने के लिए पुन: अनुरोध करने की रणनीति बना रही है।
पुजारी की मांग पर सरकार को पुन: अनुरोध किया है कि मंदिर की भूमि पुजारी के नाम कर भूमि के अधिकार पुजारी को दिलाया जाए। दरअसल,जिस भूमि का अधिकार एक खातेदार को मिलता है। उपरोक्त मांगों को सरकार शीघ्र स्वीकृत कर पुजारी समाज को न्याय दिलाए। उसके बाद भी सरकार ने मांगो को स्वीकार नही किया जाता है तो पुजारी समाज सरकार का भारी विरोध कर प्रदर्शन जारी रखेगा। बैठक में मांग की कि मुख्यमंत्री भैरुसिंह शेखावत की सरकार द्वारा लागू किया गया पुजारियों के खिलाफ कानून को निरस्त कर पुजारियों को न्याय दिलाया जाए। वैष्णव समाज के गोगुन्दा तहसील अध्यक्ष बालूदास वैष्णव ने बताया कि पुजारियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर बैठक रखी गई। जिसमे प्रदेश अध्यक्ष बलवंत जिला ग्रामीण अध्यक्ष महेश वैष्णव,गोगुन्दा तहसील अध्यक्ष बालूदास वैष्णव सहित समाजजन ने बैठक में भाग लिया।