सूरत

टेक्सटाईल उद्योगों के विकास के लिए सूरत में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित

टेक्सटाइल कमिश्नर के साथ प्रोसेसिंग यूनिट, यार्न डायर्स और टेक्सटाइल विशेषज्ञ शामिल हुए

सूरत: सूरत के प्रमुख उद्योगों में से एक कपड़ा उद्योग वर्तमान में विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है। इससे व्यापार कई तरह से प्रभावित हो रहा है। घरेलू और विदेशी प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए कपड़ा उद्योग में नई प्रौद्योगिकियां और नई रणनीतियां वर्तमान समय की मांग हैं।

सूरत में कपड़ा उद्योग को बनाए रखने और बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमें आरक्रोमा कंपनी द्वारा एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न टेक्सटाइल विशेषज्ञों ने टेक्सटाइल प्रसंस्करण एवं उससे जुड़ी समस्याओं तथा उनके समाधान पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

जिसमें आरक्रोमा इंडिया के अंजनी प्रसाद, टेक्सटाइल कमिश्नर एम. बीना (आईएएस), ज्वाइंट डीजीएफटी कॉमर्स, भारत सरकार, अभिमन्यु शर्मा, अरुण वर्षण, जे.रघुनाथ और अजॉय भट्टाचार्य के साथ-साथ सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स के विजयकुमार मेवावाला ने अपने विचार और मार्गदर्शन प्रदान किया।

सूरत देश में कपड़ा उद्योग का सबसे बड़ा केंद्र है, इसलिए यहां जितना विकास है, उतनी ही समस्याएं और चुनौतियां भी हैं। एसोचैम यानि एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) देश का सबसे पुराना शीर्ष चैम्बर है। एसोचैम विभिन्न उद्योगों को मजबूत और सक्षम बनाने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रहा है। एसोचैम का देश भर में लगभग 4,50,000 से अधिक सदस्यों का नेटवर्क है जो विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। यह स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कार्य करता है।

एसोचैम में एमएसएमई एक बड़ा सेक्टर है जो उद्योग का प्रतिनिधित्व करता है। इसके साथ ही एसोचैम में 400 से अधिक एसोसिएशन, फेडरेशन और क्षेत्रीय चैंबर भी शामिल हैं। एसोचैम मुख्य रूप से न्यू इंडिया के विजन से जुड़ा है और उद्योग एवं सरकार के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है। एसोचैम ने सूरत के कपड़ा उद्योग को नई दिशा देने के लिए एक योजना तैयार की है, जिसके तहत सूरत के सरसाणा चैंबर्स ऑफ कॉमर्स डोम में यह बैठक आयोजित की गई। यह बैठक आरक्रोमा कंपनी द्वारा आयोजित की गई थी।

आरक्रोमा एक वैश्विक विशिष्ट रसायन कंपनी है जो कपड़ा बाजार के लिए इनोवेशन, सर्विस, कोस्ट एफिशिएंसी और प्रगति के लिए जानी जाती है। वर्षों से भारतीय उद्योग यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा का सामना कर सकें और स्थानीय स्तर पर अपने कारोबार को बढ़ा सकें। इस बैठक में टेक्सटाइल उद्योग में विकास के अवसरों, वस्त्र व्यापार शुल्कों तथा वस्त्र उद्योग में टिकाऊ भविष्य पर विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा जानकारी एवं विचार प्रस्तुत किये गये।

एक तरह से यह बैठक सूरत के कपड़ा उद्योग के लिए बहुत महत्वपूर्ण बन रही थी। इस अवसर पर कपड़ा उद्योग से जुड़े छोटे-बड़े व्यापारी, टेक्सटाइल यूनिट के मालिक तथा कपड़ा प्रौद्योगिकी से जुड़े लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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