सूरत

काइट फेस्टिवल इस वर्ष कोरोना महामारी को लेकर फीका

सूरत ( कांतिलाल मांडोत ) । कोरोना महामारी ने काइट फेस्टिवल के इस त्योहार को रसहीन कर दिया है।देश मे हजारो की तादात में ओमिक्रोन,कोरोना , डेल्टा और अब डेल्टाक्रोन का खतरा मंडरा रहा है। वहाँ पर पतंगोत्सव का त्योहार नही मना सकते है। कोरोना के इस खतरनाक वायरस से देश दुनिया पर दुःख की कालिमा छाई हुई है। लोगो की सेहत बिगड़तीं जा रही है। चिकित्सा अधिकारी इस बात की भी पुष्टि कर रहे है कि कोरोना की इस मारामारी में वायरल इंफेक्शन के मरीज भी है। पतंग का त्योहार पूरे भारत का त्योहार है। भारत मे हर वर्ष अंतराष्ट्रीय पतंग महोत्सव मनाता है।

गुजरात के सूरत में करोडो रुपए के पतंग की बिक्री होती है। गुजरात अंतराष्ट्रीय पतंगोत्सव की तैयार 6 जनवरी से करता है। इस बार इस महोत्सव पर कोरोना महामारी का ग्रहण लग गया है। पतंग के इस मनोरंजन के खेल में दो महीने पूर्व पतंग का निर्माण शुरू हो जाता है। हजारो लोग इस धंधे से रोजगार सर्जन करते है। नये साल की शुरुआत होते ही भारत मे त्योहार भी शुरू हो जाते है। लोहड़ी के दूसरे दिन मनाया जाने वाला पतंग महोत्सव में युवाओ का क्रेज बढ़ जाता है। कोरोना महामारी के चलते सरकारी नियमो का पालन करते हुए युवा सुबह से ही छतों पर चढ़कर पतंगबाजी करते नजर आएंगे। दूसरे दिन वासी उत्तरायण तक पतंगबाजी करते है।

स्नान ध्यान कर दान की महिमा अपरंपार है। गुड़ और तिल शरीर के फायदे के लिए उपयोग में लेने का रिवाज है। लोहड़ी का त्योहार पंजाब का मुख्य फेस्टिवल उल्लास से मनाने का रिवाज है। लोहड़ी 13 जनवरी को धूमधाम से मनाया जाएगा। लोहरी और मकरसंक्रांति इस माह के खास त्योहार है। देश त्योहार मनाने के लिए योजना बना रहा है। लेकिन इस महामारी ने सभी के मंसूबो पर पानी फेर दिया। त्योहार में हमे कोरोना महामारी के बढ़ते वेरियंट का भी ध्यान रखना है। पर्वतीय राज्यों में हिमपात से त्योहार का मजा किरकिरा हो गया है। लेकिन भीड़ भाड़ वाले इलाकों से बचना होगा। पतंग का आनन्द छत पर बैठ कर ले सकते है।

लोहरी हर्षोल्लास से मनाने से पूर्व अपने सेहत का भी ध्यान रखना है। सूरत में पतंग डोरी का व्यवसाय 25 करोड़ से ज्यादा होने का अंदाज है। हर वर्ष इससे ज्यादा का व्यापार होता है। नवरात्रि के बाद से डोरी घिसाई का काम शुरू हो जाता है। सूरत से हर साल सुरती माजा एक्सपोर्ट होता है। इस बार डोरी घिसाई के दाम भी बढे है। महामारी के बीच भी सूरत के सुरती लाला त्योहार का भरपूर लुफ्त उठाने से पीछे नही रहते।

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