
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड ने इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग पेश की
यह ऑफर 07 अक्टूबर, 2025, मंगलवार को खुलेगा
सूरत : एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के पूर्ण स्वामित्व की सब्सिडियरी, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड (‘‘एलजीईआईएल’’ या ‘‘कंपनी’’) ने इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग पेश की है। इसके प्रति ईक्विटी शेयर का मूल्य 1,080 रुपये से 1,140 रुपये होगा। एंकर इन्वेस्टर बिडिंग डेट 06 अक्टूबर, 2025, दिन मंगलवार तय की गई है। इस बिड/ऑफर की सदस्यता 07 अक्टूबर, 2025, दिन मंगलवार से शुरू होगी और 09 अक्टूबर, 2025, दिन गुरुवार को समाप्त होगी। निवेशक कम से कम 13 ईक्विटी शेयर के लिए, और उसके बाद 13 ईक्विटी शेयर के गुणांक में बोली लगा सकेंगे। एम्प्लॉई रिज़र्वेशन पोर्शन के अंतर्गत बोली लगाने वाले पात्र कर्मचारियों को प्रति ईक्विटी शेयर 108 रुपये का डिस्काउंट दिया जाएगा।
संपूर्ण विवरण के लिए दिनांक 30 सितंबर को प्रकाशित प्राईस बैंड का एडवरटाईज़मेंट देखें, जो अनुलग्नक के रूप में संलग्न है।
इस ऑफर में प्रमोटर, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक. द्वारा 10 रुपये प्रति शेयर की फेस वैल्यू के 101,815,859 ईक्विटी शेयर्स तक की बिक्री शामिल है।
इसके बुक रनिंग लीड मैनेजर एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मॉर्गन स्टेनली इंडिया कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, जे.पी. मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया लिमिटेड हैं, तथा केफिन टेक्नोलॉजीज़ लिमिटेड इस ऑफर के रजिस्ट्रार हैं। इक्विटी शेयरों को एनएसई और बीएसई पर सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव है।
यह ऑफर सेबी आईसीडीआर रेगुलेशंस के रेगुलेशन 31 के साथ पढ़े जाते हुए संशोधित सिक्योरिटीज़ कांट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) नियमों, 1957 (“एससीआरआर”) के नियम 19(2)(बी) की शर्तों के अंतर्गत पेश किया जा रहा है. यह ऑफर सेबी आईसीडीआर रेगुलेशंस के रेगुलेशन 6(1) के अनुसार बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें नेट ऑफर का अधिकतम 50% तक का हिस्सा आनुपातिक आधार पर अर्हता प्राप्त संस्थागत खरीदारों (“क्यूआईबी”) (“क्यूआईबी हिस्सा”) को आवंटित करने के लिए उपलब्ध होगा, बशर्ते कि हमारी कंपनी, बीआरएलएम के परामर्श से, एंकर निवेशकों को क्यूआईबी हिस्से का 60% तक आवंटित कर सकती है और इस तरह का आवंटन हमारी कंपनी द्वारा सेबी आईसीडीआर रेगुलेशंस (“एंकर निवेशक हिस्सा”) के अनुसार बीआरएलएम के परामर्श से हमारे विवेक के आधार पर किया जाएगा, जिसमें से एक तिहाई घरेलू म्यूचुअल फंड के लिए आरक्षित होगा, जो घरेलू म्यूचुअल फंड से एंकर निवेशकों (“एंकर निवेशक आवंटन मूल्य”) को आवंटित किए गए या उससे अधिक मूल्य पर प्राप्त हुई वैध बोलियों के अधीन होगा।
एंकर निवेशक हिस्से में कम-सब्सक्रिप्शन या गैर-आवंटन की स्थिति में, शेष इक्विटी शेयरों को शेष क्यूआईबी हिस्से (“नेट क्यूआईबी हिस्से”) में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, 5% नेट क्यूआईबी हिस्सा आनुपातिक आधार पर केवल म्यूचुअल फंड को आवंटित करने के लिए उपलब्ध होगा, बशर्ते प्राप्त हुई वैध बोलियां ऑफर मूल्य पर या इससे ऊपर हों, और नेट क्यूआईबी हिस्से का शेष हिस्सा आनुपातिक आधार पर सभी क्यूआईबी (एंकर निवेशकों के अलावा) को आवंटित करने के लिए उपलब्ध होगा, जिनमें म्यूचुअल फंड भी शामिल हैं, बशर्ते प्राप्त हुई वैध बोलियां ऑफर मूल्य पर या इससे ऊपर हों। इसके अलावा, नेट ऑफर का कम से कम 15% हिस्सा गैर-संस्थागत निवेशकों (“गैर-संस्थागत श्रेणी”) को आवंटन के लिए उपलब्ध होगा।
जिसमें से गैर-संस्थागत श्रेणी का एक-तिहाई हिस्सा ₹ 200,000 से अधिक आवेदन आकार वाले बिडर्स को आवंटन के लिए उपलब्ध होगा और ₹ 1,000,000 तथा गैर-संस्थागत श्रेणी का दो-तिहाई हिस्सा ₹ 1,000,000 से अधिक के आवेदन आकार वाले बिडर्स को आवंटन के लिए उपलब्ध होगा और गैर-संस्थागत श्रेणी की इन दो उप-श्रेणियों में से किसी एक में कम-सदस्यता को सेबी आईसीडीआर रेगुलेशंस के अनुसार गैर-संस्थागत श्रेणी की अन्य उप-श्रेणी में बिडर्स को आवंटित किया जा सकता है।
बशर्ते कि वैध बोलियां ऑफर मूल्य पर या उससे ऊपर प्राप्त हों। इसके अलावा, सेबी आईसीडीआर रेगुलेशंस के अनुसार, नेट ऑफर का कम से कम 35% हिस्सा रिटेल व्यक्तिगत निवेशकों (“रिटेल श्रेणी”) को आवंटन के लिए उपलब्ध होगा, बशर्ते कि उनसे प्राप्त हुई वैध बोलियां ऑफर मूल्य या उससे ऊपर हों।
इसके अलावा, कर्मचारी आरक्षण भाग के अंतर्गत आवेदन करने वाले पात्र कर्मचारियों को आनुपातिक आधार पर इक्विटी शेयर आवंटित किए जाएँगे, बशर्ते कि उनसे ऑफ़र मूल्य पर या उससे अधिक पर वैध बोलियाँ प्राप्त हों। सभी बिडर्स (एंकर निवेशकों को छोड़कर) अनिवार्य रूप से इस ऑफ़र में केवल एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट (“एएसबीए”) प्रक्रिया के माध्यम से ही भाग लेंगे और अपने संबंधित बैंक खाते (यूपीआई बिडर्स (इसके बाद परिभाषित) के मामले में यूपीआई आईडी (इसके बाद परिभाषित) सहित) का विवरण प्रदान करेंगे, जिसमें बोली राशि स्व-प्रमाणित सिंडिकेट बैंकों (“एससीएसबी”) या प्रायोजक बैंकों द्वारा, जैसा भी मामला हो, ब्लॉक कर दी जाएगी। एंकर निवेशकों को ASBA प्रक्रिया के माध्यम से ऑफ़र में भाग लेने की अनुमति नहीं है। अधिक विवरण के लिए, RHP के पृष्ठ 443 से शुरू होने वाली “ऑफ़र प्रक्रिया” देखें।
 
				


