
कोरोनाकाल में संस्थाएं मसीहा बन बांट रही है किट
उदयपुर (कांतिलाल मांडोत) कोरोना महामारी में देश की गरीब जनता पर जैसे मुसीबतों का पहाड़ टूटकर गिरा है, इस महामारी में देश की गरीब जनता के व्यापार धंधा चौपट हो गया है। देश मे भामाशाह की कमी नही है। जिस तरह जैन समाज ने महामारी में स्वास्थ्य संबंधी उपकरण सहित गरीब लोगों के घर घर जाकर अनाज और पैसे की किट दी है। दरअसल वो किसी अन्य व्यक्ति को कानोकान खबर नही पड़ी। गुप्तदान की महिमा जैन समाज मे उच्च मानी गई है। किसी व्यक्ति ने कपड़े अनाज तो किसी ने अनाज किट देकर गरीबो की मदद की है। ग्रामीणों की मदद करने कई जैन अजैन संस्थाओं ने महामारी के दौरान अपनी सेवा प्रदान कर लाभ कमाया है। कितने लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज होना पड़ा।
आज वर्तमान में भी लोगो की आर्थिक स्थिति में कोई विशेष फर्क नही पड़ा है। इस महामारी में कई संस्थाएं आगे आकर लोगो की मदद कर रही है। कोई किसी रूप में सहायता करता है तो कोई किसी रूप में मदद करता है। गरीब जनता की मदद जरूर की है और अभी भी कर रहै है। क्षेत्र के गरीब लोगों के पास कृषि के अलावा आय के कोई साधन नही है उनके लिए दिन काटना बहुत मुश्किल है। गोगुंदा तहसील के तरपाल जैन समाज में भी गरीब लोगों को अनाज सामग्री का किट दिया था। समाज के युवा कार्यकर्ताओं ने घर घर जाकर किट वितरण किया। आज जिन लोगो के पास दो जून की रोटी का जुगाड़ नही है। उनके लिए समाज के भामाशाह को आगे आकर मदद करते है तो एक अनुकरणीय पहल हो सकती है।
अन्न दान की जैन समाज में बहुत महिमा है। अन्नदान को श्रेष्ठ दान माना गया है। मावली,वल्लभनगर और सायरा में भी लोकडाउन्म में गरीबों को सहायता दी गई। ओबराकला की अनिता सेन के सानिध्य में विकल्प संस्थान ने भी क्षेत्र में एक हजार किट का वितरण किया। दानदाताओं की कमी नही है। यह मानवता है और मानवतावादी लोगों की अपनी संस्कृति है। लोग दु:खी और मजबूर लोगों की सेवा के लिए हमेशा कटिबद्ध रहते है। भारतीय संस्कृति की महान दान की परम्परा आज भी आधुनिक युग मे जीवंत है। यह इसलिए है कि भारतीय विदेशी संस्कृति के कायल तो हो गए है,लेकिन दिल से भारतीय जरूर है।
ग्रामश्री फाउंडेशन ट्रस्ट और पडराडा सामुदायिक केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में जशवंतगड़ , राव मादडा,सुथार मादडा और झाड़ोली पंचायत में कुल नौ आशा वर्कर को ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया।प दराडा चिकित्सा अधिकारी अंकित के द्वारा आशा वर्कर को प्रशिक्षित किया गया। उनको ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर वितरण किया। ग्रामश्री फाउंडेशन द्वारा रोयडा गमान,तिरोल और जसवंतगड़ गांव के लोगो को ऑक्सीमीटर ,थर्मामीटर और गरीब आदिवासी लोगो को राशन किट वितरण किया गया।