
सूरत : वराछा के हीरा व्यापारी की हत्या व लूट में वांछित आरोपी भूपत अहीर मुम्बई से गिरफ्तार
भूपत ने 12 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था
10 माह पूर्व वराछा मातावाड़ी कमलपार्क सोसायटी में हीरा व्यापारी की उसी के ऑफिस में निर्मम हत्या कर 3 लाख रुपए लूटने के अपराध में वांछित आरोपी भूपत अहीर उर्फ भूपत बहारवटीया को सूरत सिटी क्राइम ब्रांच द्वारा मुंबई से गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 10 महीने पहले 13 सितंबर को दिन दहाडे दोपहर को अज्ञात लोगों द्वारा वराछा मातावाडी कमलपार्क सोसायटी हाउस नंबर 278 में ऑफिस रखने वाले हीरा व्यापारी प्रवीणभाई भीखाभाई नकुम के दोनों हाथ बांध दिए थे और लोहे के पाइप से वार कर हत्या कर दी थी। बाद में उन्होंने कार्यालय की मेज से हीरे और नकदी 3 लाख रुपये लूट कर भाग गए।
उस वक्त क्राइम ब्रांच ने गिरीश नकुम और आशीष गाजीपारा को गिरफ्तार किया था। जिनसे पूछताछ में गिरिश ने प्रवीण निकुम के कार्यालय में नगदी और 10 से 12 लाख के हीरे रहते होने सेलूटने की योजना बनाई थी। जिसकी टिप भूपत अहीर को दी थी। जिसमें भूपत आहिर और आशीष गाजीपारा ने दोपहर के समय प्रवीणभाई के कार्यालय में प्रवेश किया और आशीष प्रवीणभाई के हाथों को फीते से बांध दिया। उस समय भूपत अहीर ने लोहे के पाइप से प्रवीणभाई की हत्या कर उसने हीरे और रुपये की नकदी लूटने की बात कबूल करने पर भूपत आहिर को भगोड़ा घोषित किया था।
भूपत अहीर उर्फ भूपत बाहरवटीया को पकड़ने के लिए सूरत सिटी क्राइम ब्रांच ने एक टीम बनाकर जांच की। इसी बीच सूचना के आधार पर एक गुप्त ऑपरेशन चलाया गया और मोस्ट वांटेड आरोपी भूपत उर्फ भरत उर्फ विनोद नारायणभाई अहीर को चार दिनों की कड़ी मेहनत के बाद मुंबई से पकड़ लिया गया।
भूपत ने 12 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था
सूरत समेत गुजरात में हत्या, डकैती, रंगदारी जैसे 35 से ज्यादा गंभीर अपराध करने वाला मोस्ट वांटेड और हत्यारा भूपत अहीर भावनगर के एक गांव से पान का ठेला से चोरी करने के बाद महज 12 साल की उम्र में अपराधी बन गया था। 12 साल की उम्र में अपराधी बने भूपत अहीर को 18 साल की उम्र में 1987 में साथियों के साथ मुंबई में डकैती करने जाते समय पुलिस ने पकड़ लिया था। भूपत ने बाद में गुजरात और महाराष्ट्र में कई अपराध किए। भूपत अहीर, जो पुलिस पर भी हमला करने की मानसिकता रखता था। सूरत शहर की अपराध शाखा ने चार दिनों की निगरानी के बाद मुंबई में सफलतापूर्वक पकड़ लिया।