
सूरत : टेक्सटाइल मॉडलिग कारोबार की हालत दयनीय, दाम वृद्धि की मांग
एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मंडी सूरत है। कपड़ा उद्योग से संलग्न कारोबार से भी लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। जिसमें से एक टेक्सटाइल मॉडलिग का कारोबार है। शहर में टेक्सटाइल मॉडलिग कारोबार से करीबन 700 से 800 स्टूडियो जुड़े हुए है। जिसमें करीब 8 से 10 हजार लोग कार्यरत है।
इन दिनों में टेक्सटाइल मॉडलिग कारोबार से जुड़े लोगों का कहना कि पेपर के दामों के बढ़ोत्तरी के कारण प्रिन्टिंग प्रेस वालों ने जॉबचार्ज बढ़ा दिया है, लेकिन उसके सामने व्यापारी रेट देने को तैयार नहीं है। जिससे खासकर छोटे पैमाने पर टेक्सटाइल मॉडलिग का व्यवसाय करने वालों की हालत दयनीय हो चुकी है। रेट बढ़ाने की बात करने पर व्यापारी दूसरे अन्य को काम दे रहा है, जिससे उनका पुराना पेमेंट में भी दिक्कतें आ रही है।
पेपर के दामों में दिनोंदिन बढ़ोत्तरी हुई, इसके सामने व्यापारी उन्हें उतना रेट देने को तैयार नहीं है। जिससे उनकी पार्टियां टूट रही है। और आगे भी पेपर के दाम बढ़ाए जाने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में इसका टेक्सटाइल मॉडलिग उद्योग पर बुरा असर हुआ है। पेपर के दामों बढ़ोत्तरी के कारण प्रिन्टिंग प्रेस वालों ने भी जॉबचार्ज बढ़ाया है, जिससे मॉडलिंग के व्यवसाय में बहुत बुरा असर पड़ेगा।
( लक्ष्मण रजक, टेक्सटाइल मॉडलिग, कारोबारी )
मॉडलिग कारोबार की हालत दिनोंदिन खराब होती जा रही है। जॉब चार्ज बढ़ने से इस कारोबार में मार्जिन बहुत ही कम हो गई है। कई लोग तो इस कारोबार से बाहर जा रहे है। ऐसा ही चलता रहा तो मॉडलिग कारोबार खतरे में आ जाएगा। पेपर के दाम बढ़ गए है लेकिन व्यापारी उतना रेट देने को तैयार नहीं है।
( रितेशसिंह कौशिक, टेक्सटाइल मॉडलिग, कारोबारी )
मॉडलिग कारोबार करनेवालों में आपसी तालमेल नहीं होने से कारोबार को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। कुछ लोग तो रेट तोड़कर केवल रोटेशन चलाने के लिए कारोबार कर रहे है। जिसका खामियाजा अन्य कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है।
( परेश माखीजा, टेक्सटाइल मॉडलिग, कारोबारी )