
सूरत शहर का इंडोर स्टेडियम बुधवार सुबह 8 बजने के साथ ही नवकार महामंत्र से गूंज उठा। नवकार मंत्र दिवस पर के अवसर पर जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइज़ेशन सूरत चैप्टर की ओर से बुधवार को इनडोर स्टेडियम में नवकार महामंत्र जाप कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें शहर में रहने वाले हजारों जैन परिवारों ने हिस्सा लिया।
जीतो सूरत चैप्टर के अध्यक्ष मिलन पारेख ने बताया कि नौ अप्रैल के दिन जैन समाज की ओर से नवकार मंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस बार भी इस विशेष दिवस पर भारत समेत दुनिया के 108 देशों में 3000 से अधिक जगह पर एक साथ नवकार महामंत्र दिवस मनाया गया। सूरत में भी सुबह आठ बजे नवकार महामंत्र जाप का आयोजन किया गया था।
जीतो सूरत चैप्टर के चेयरमैन और इस प्रोजेक्ट के कन्वीनर नीरव शाह ने बताया कि सूरत के इंडोर स्टेडियम में नवकार महामंत्र दिवस के अवसर पर भव्य आयोजन किया गया था। इसमें शहर में बसे हजारों जैन परिवारों ने हिस्सा लिया। सुबह जैसे ही 8 बजकर एक मिनट हुआ इंडोर स्टेडियम नवकार महामंत्र से गूंज उठा।
जीतो सूरत के सेक्रेटरी विकास दोशी ने बताया कि कार्यक्रम में कई नामी हस्तियों ने भी हिस्सा लिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन से कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल होकर सभी 3000 से अधिक जगह पर मौजूद जैनों को संबोधित किया। इस आयोजन को सफल बनाने मुख्य सचिव मितेश गांधी, संयोजक नीरव शाह एवं जवाहर धारीवाल, गुजरात जोन सचिव प्रकाश डूंगानी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नवकार महामंत्र केवल एक मंत्र नहीं बल्कि, हमारे जीवन का केंद्र : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नवकार महामंत्र दिवस के अवसर पर वर्चुअल शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि “नवरकार महामंत्र न केवल एक मंत्र है, बल्कि यह हमारे जीवन का केंद्र है। यह हमें आत्म-शुद्धि और समाज के प्रति जिम्मेदारी की ओर ले जाता है। नवकार महामंत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि “नवरकार महामंत्र के प्रत्येक शब्द और अक्षर में एक विशेष अर्थ है। यह हमें जीवन के सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने जैन धर्म के सिद्धांतों पर चर्चा करते हुए कहा, “जैन धर्म हमें आत्म-विजय की ओर ले जाता है, न कि बाहरी दुनिया पर विजय पाने के लिए। हमें अपने भीतर की नकारात्मक विचारों और दुर्भावनाओं को हराना होगा। प्रधानमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक विरासत पर जोर देते हुए कहा, “भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करता है। हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहना होगा और अपनी संस्कृति को संरक्षित करना होगा।”
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी को नव संकल्प दिए। जिसमें 1. पानी बचाएं, 2.मां के नाम पर एक पेड़ लगाएं, 3. स्वच्छता पहलों में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया जाए, 4 स्थानीय के लिए मुखर, 5.भारत में देव दर्शन*: सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक अन्वेषण को प्राथमिकता, 6. प्राकृतिक खेती को प्राथमिकता, 7. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं, 8. फिटनेस और योग को जीवन का हिस्सा बनाएं और शारीरिक और मानसिक कल्याण के महत्व पर जोर दिया। 9.गरीब लोगों की मदद करें शामिल थे।