सूरत : कपड़ा उद्योग में मंदी से हजारों श्रमिक बेरोजगार होने की कगार पर
शहर का कपड़ा बाजार इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में अब कोरोना संक्रमण घटने के बावजूद बाजारों में खरीदी नहीं निकल रही। जिसका सीधा असर वीवर्स पर भी देखने को मिल रहा है। मंदी के कारण वीवर्स कारखानों में सप्ताह में दो दिनों का अवकाश रख रहे है। कुछ कारखानों में तो एक शिफ्ट में कामकाज शुरू है। वहीं ग्रे माल का उचित दाम नहीं मिल रहा। वीवर्सो ने 50 प्रतिशत उत्पादन कटौती की है। शहर के 25 फीसदी लूम्स इकाई बंद हो सकती है, जिसके कारण हजारों श्रमिक बेरोजगार हो सकते है।
कपड़ा कारोबार पर कोरोना का गहरा प्रभाव पड़ा है। देश में भाई-बहनों का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन सहित त्योहारों होने के बावजूद बाजार में खरीदी नहीं निकली है। खुदरा बाजार में मंदी के चलते टेक्सटाइल की मांग घट गई है। वीवर्स का कहना है कि खुदरा बाजार में तैयार कपड़ों की मांग घटी है। साथ ही ग्रे की मांग में भी गिरावट आई है। जिसके चलते वीवर्सो ने उत्पादन में 50 फीसदी की कटौती की है। वहीं ग्रे माल के दामों में भी गिरावट आयी है। वीवर्सो को चिंता सता रही है कि अगर परिस्थिति में सुधार नहीं आया तो आगामी दिनों में उन्हें कारखाने बंद करने पड़ सकते है।