
टाटा सॉल्ट ने विश्व आयोडीन अल्पता दिवस पर दिया समुदायों को अधिक स्वस्थ बनाने के वचन
surat: भारत में आयोडाइज़्ड नमक उद्यम में 1983 से पायनियर और मार्केट लीडर रही टाटा सॉल्ट ने वैश्विक समुदाय के साथ मिलकर, 21 अक्टूबर को विश्व आयोडीन अल्पता दिवस मनाया। बच्चों के दिमागी विकास में आयोडीन की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाने और दुनिया भर में, खास कर बच्चों में आयोडीन की कमी की चुनौती पर प्रकाश डालने के लिए यह दिवस तय किया गया है।
टाटा कन्ज्यूमर प्रोडक्ट्स की प्रेसिडेंट – पैकेज्ड फूड्स, इंडिया सुश्री दीपिका भान ने कहा, “आयोडीन की कमी यह दुनिया भर में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है जो लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है, खास कर छोटे बच्चें इससे ज़्यादा प्रभावित हो रहे हैं। टाटा सॉल्ट में हम इस चुनौती को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस मिशन के तहत हाल ही में टाटा सॉल्ट ने एक एड्वर्टाइजिंग कैम्पेन शुरू किया जिसमें नामचीन एक्ट्रेस रुपाली गांगुली ने काम किया है। इस कैम्पेन वीडियो में रुपाली गांगुली कहती है – “विश्वास जीता जाता है और मैं सिर्फ टाटा सॉल्ट पर भरोसा करती हूं, क्योंकि इसमें सही मात्रा में आयोडीन है। “नमक हो टाटा का, टाटा नमक”
न्यूट्रिशन इंटरनेशनल और आईसीसीआईडीडी द्वारा आयोजित भारत आयोडीन सर्वेक्षण 2018-19 में मानसिक और शारीरिक विकास में आयोडीन की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया गया है। यह सर्वेक्षण दुनिया भर में मस्तिष्क की क्षति के प्रमुख कारण के रूप में आयोडीन की कमी पर प्रकाश डालता है, जो विशेष रूप से बच्चों के आईक्यू स्तर को प्रभावित करता है, लेकिन इस कारण को रोका जा सकता है। अध्ययन ने विभिन्न जनसंख्या समूहों में आयोडीन युक्त नमक और मूत्र आयोडीन की स्थिति के कवरेज का मूल्यांकन किया।
निष्कर्षों से पता चला कि राष्ट्रीय स्तर पर घरेलू आयोडीन युक्त नमक कवरेज 76.3% है, जिसमें राज्य स्तर पर भिन्नता देखी गई है। सभी घरेलू नमक में से 41% से अधिक में आयोडीन की मात्रा 15-30 पीपीएम के बीच पाई गई, इसके बाद 33.1% घरेलू नमक में कॉन्सेंट्रेशन 30-50 पीपीएम के बीच पाई गई। इसके अतिरिक्त, सर्वेक्षण से पता चला कि केवल 55% आबादी ही आयोडीन युक्त नमक के बारे में जानती है।