
उदयपुर जिले के गोगुंदा में 4 कोरोना संक्रमित मरीज मिले
उदयपुर कांतिलाल मांडोत उदयपुर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा देखकर एक बार मन में भय बैठ जाता है। लेकिन उसके बाद भी कोरोना मरीजों की रिकवरी से हालात में सुधार हो रहा है। कोरोना वॉरियर्स संक्रमित होने से मुश्किलें बड़ी है। उदयपुर में घर – घर सर्वे करने के लिए टीम जुड़ चुकी है। रोगियों को मौके पर ही दवाइयां दी जा रही है। राज्य स्तर पर कोरोना मरीज घट रहे है। रिकवर होने वाले मरीजों का प्रतिशत बहुत ज्यादा है। गोगुन्दा में चार कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद लोगों में रिकवरी के प्रति विश्वास जगा है।
सायरा चिकित्सा अधिकारी आर एस मीणा ने कहा आज 4 कोरोना मरीज मिले है और उन्होंने क्षेत्र के लिए रिकवरी को फायदेमंद बताया। देश में कोरोना संक्रमण कम हो रहा है। लोगों को घबराने की आवश्यकता नही है। आप गाइडलाइन का पालन करते रहिए। कोरोना को एक दिन हारना ही होगा। उदयपुर जिले के गोगुंदा,कोटड़ा और सायरा क्षेत्र में मरीजो की रिकवरी भी ठीक है। आप घर में रहेंगे तो कोरोना में निश्चित तौर पर कमी आएगी। इसमे दोराय नही है। अस्पतालों में वांछित मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई हो जाती है तो कोरोना मरीजो को ठीक होने में ज्यादा समय नही लगेगा।
विडम्बना यह है कि कोरोना वायरस के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से आये दिन जारी की जा रही एडवाइजरी को लेकर भी असमंजस की स्थिती बन रही है। कभी हवा में तो कभी इंसानी पाद से कोरोना फैलने का दावा किया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों को मजबूरन अधिसूचनाए जारी करनी पड़ती है।चार महीने में देश मे कोरोना के मरीज दोगुना हुए है। राहत की बात यह है कि हमने कोरोना से लडते लड़ते मरीजो को ठीक भी किया है। यह श्रेय उन चिकित्सा विभाग को जाता है जिन्होंने अपनी परवाह किए बिना मरीजो को ठीक करने का लक्ष्य पाल रखे है। कोरोना को हराने वाले योद्धाओं की संख्या भी बड़ी है। पूर्व तैयारी नही होने के कारण जनहानी उठानी पड़ रही है और हम अभी भी उठा रहे है। लोगों की उम्मीद अभी खत्म नही हुई है।
कोरोना से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जन भागीदारी तय करने का नुस्खा रखा है। यह स्वागतयोग्य है। हम सबको सरकार का साथ देना होगा। सरकार हमारा जीवन बचाने के लिए प्रयत्नशील है। उदयपुर जिले के गोगुंदा में लोग घरों से बाहर बिना मतलब निकल रहे है। उनको खबर होनी चाहिए कि एक व्यक्ति की लापरवाही से अन्य निर्दोष व्यक्ति को नुकसान हो सकता है। घरों में रहने से कोरोना को जल्द भगाने में हम सफल हो सकते है। कोरोना हार जाने के बाद हमे बाहर जाना ही है।संयम का पालन करे। कोरोना अनुशासन से ही हमारे जीवन से दूर होगा।
श्ïाहर ,राज्य और देश में अपने अपने स्तर पर सभी प्रयास कर रहे है। भारत मे सघन आबादी होने के बावजूद सरकार कोरोना पर कार्य कर रही है। अभी सरकार के साथ खड़े होकर साथ देना है। यह समय आलोचना करने का नही है। सरकार हाथ पर हाथ धरे नही बैठी है। संकट की इस घडी में एकजुट होना होगा। बहुत ही कम समय में वैक्सीन विकसित की है। हम दस सदस्य वाले परिवार का बराबर मेंटेनेंस नही कर सकते है तो यह तो भारत देश है। हमेशा सकारात्मक सोच रखनी है। जो देश आबादी की दृष्टि से छोटे है वे कोरोना पर नियंत्रण पा चुके है या कोशिश में लगे है। लेकिन भारत की आबादी की वजह से संसाधन कि भी कम पड़ते नजर आ रहे है। गांवो में कोरोना की चेन तोडऩे के लिए सरकार आगामी 16 मई तक सख्त हो सकती है।