धर्म- समाज

बालि वध और लंका दहन देख गूंजे जय श्रीराम के जयकारे

श्रीराम-सुग्रीव मित्रता व बाली वध की लीला का मंचन

सूरत। वेसु के रामलीला मैदान में श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट सूरत आयोजित रामलीला में सुग्रीव मित्रता बाली वध लंका दहन और शबरी पुन: जन्म कथा का मंचन हुआ। ट्रस्ट के मंत्री अनिल अग्रवाल रामलीला के प्रश्न की जानकारी देते हुए बताया कि माता सीता की खोज में निकले श्रीराम व लक्ष्मण माता शबरी की कुटिया पर पहुंच जाते हैं।

जहां माता शबरी ने श्रीराम का मीठे-मीठे बेर खिलाकर स्वागत किया और माता शबरी को अपने गुरु मतंग ऋषि के आशिर्वाद से श्रीराम का दर्शन हुआ माता शबरी श्री राम को बताती है कि कुछ दूर ऋषिमूक नामक पर्वत है, जहां पर महाराज सुग्रीव और उनकी सेना रहती है, जो सीता का पता लगाने के लिए अवश्य ही मदद करेंगे।

भगवान राम और लक्ष्मण पर्वत पर पहुंचते हैं। वहां महावीर हनुमान उनको अपने कंधे पर बैठाकर महाराजा सुग्रीव के पास ले जाते हैं। भगवान राम और सुग्रीव की मित्रता होने पर दोनों एक-दूसरे को अपने कष्ट बताते हैं। लीला में दिखाया गया कि सुग्रीव भगवान राम से अपना राजपाट वापस दिलाने की याचना करते हैं। प्रभु श्रीराम बालि का वध कर सुग्रीव को उनका खोया राजपाट लौटाते हैं।

सुग्रीव को राज्य मिलने के बाद हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचते हैं। अशोक वाटिका में उनकी माता सीता से मुलाकात होती है। हनुमान पूंछ में लगी आग से लंका जला देते हैं।

ट्रस्ट के उपाध्यक्ष  गोबिंद जी सरावगी,कमल अग्रवाल,अरुण कानोडिया,विनोद दोहकावाला,मनोज अग्रवाल आदि ने आगंतुक मेहमानों का दुप्पटा से स्वागत किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button