बिजनेस

व्यापारियों को ऑफलाइन की बजाय मेनलाइन कहा जाये : कैट

सूरत। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) नेदेश के व्यापारिक समुदाय के लिए “ऑफ़लाइन” कहने पर गहरी को आपत्ति जताई है। इसे व्यापारियों के लिए अपमानजनक शब्द बताते हुए कहा है कि ऑफलाइन का अर्थ है बाहर हो जाना या समाप्त हो जाना जबकि देश के व्यापारी अनेक शताब्दियों से व्यापार में ही रहकर व्यापार कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें ऑफलाइन की संज्ञा देना उचित नहीं है। व्यापारियों को मेनलाइन कहा जाना चाहिए।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आक्रामक रूप से कहा कि व्यापारियों के लिए ऑफ़लाइन शब्द का आविष्कार किसने किया? ऐसा लगता है कि यह विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की एक भयावह साजिश है जो खुद को ऑनलाइन और व्यापारियों को ऑफलाइन कहती है, जो भारत के व्यापारिक समुदाय की गरिमा और क्षमताओं को कमजोर करने के अलावा और कुछ नहीं है।

भरतिया एवं खंडेलवाल ने कहा की ऑफ़लाइन शब्द व्यापारिक समुदाय के बड़े योगदान को पूरी तरह नकारता है और उनके अस्तित्व पर ही एक बड़ा सवाल खड़ा करता है । देश भर में व्यापारी एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला संचालित करते है और उपभोक्ताओं के साथ अंतिम मील तक सीधे जुड़ने का एकमात्र माध्यम है।

भरतिया और खंडेलवाल ने स्पष्ट रूप से कहा कि कैट और रिटेल व्यापार से जुड़े अन्य संगठन अब से हर मंच पर चाहे वह सरकारी हो या निजी, उन्हें ऑफलाइन बुलाने पर आपत्ति जताएंगे और उन्हें मेनलाइन कहने का आग्रह करेंगे। कैट केंद्र सरकार के मंत्रालयों और अन्य विभागों और राज्य सरकारों तक पहुँच कर उन्हें व्यापारियों को मेनलाइन के रूप में ही परिभाषित करने की ज़ोरदार माँग करेगा।

कैट की इस पहल में ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन, ऑल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन, ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन, ऑल इंडिया एडिबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन, कंप्यूटर मीडिया डीलर्स एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ सहित खुदरा व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों के अन्य राष्ट्रीय संगठन ऑल इंडिया टी ट्रेडर्स एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ पेपर ट्रेडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और कई अन्य राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय व्यापार संगठन कैट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button