सूरत कपड़ा बाजार में मजूरी दर बढ़ाने की मांग को लेकर श्रमिक शनिवार से हड़ताल पर उतरे है। जो सोमवार को भी यथावत रही। 22 कपड़ा मार्केट में से अभी तक केवल 7 मार्केट मैनेजमेंट ने दर वृद्धि की मांग को स्वीकारा है। सूरत जिला टेक्सटाइल मार्केटिंग ट्रांसपोर्ट लेबर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा ने बताया किरिंगरोड की लगभग सभी मार्केटों में पिछले तीन-चार वर्षों से पार्सल ढुलाई शुल्क में वृद्धि नहीं कि गई हैं पिछले तीन-चार वर्षों में पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी वृद्धि दर्ज हुई हैं उसके साथ-साथ अब ट्रासपोर्ट भी शहर से दूर कड़ोदर और सारोली कि तरफ चले गए हैं ऐसे में तीन-चार वर्ष पुरानी दरों पर काम करना असंभव हैं। दिनोंदिन महंगाई सातो आसमान छू रही है, ऐसे में कम मजूरी में श्रमिकों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है। इस बार श्रमिक मजूरी बढ़ाने की मांग पर अड़े हुए है।

17 से ज्यादा मार्केटों में दूसरे दिन भी ट्रांसपोर्ट के लिए पार्सल नहीं उठाए गए। सोमवार को 6 मार्केट मैनजमेंट ने मजूरी दर बढ़ाने की मांग को स्वीकार लिया। जय राधे, श्रीजी, न्यू लकी, बालाजी, साई दर्शन, न्यू टीटी टेक्सटाइल मार्केटों में मजदूरी दरों में वृद्धि की घोषणा के बाद मजदूर वापस काम पर लौटे। कपड़ा मार्केट मार्केट के 15 मार्केट में पार्सलों का डिस्पेचिग कार्य ठप्प हो गया। दो मुख्य मार्केट के व्यापारियों के करीबन 4 हजार पार्सल अभी भी निकल नहीं पाए है। सोमवार को 6 मार्केट के व्यापारियों ने मजूरी दर बढ़ाने की मांग को स्वीकारा। प्रति पार्सल 25 से 30 रूपए बढ़ाने का लिखित में व्यापारी दे रहे है। अभी भी अलग-अलग मार्केट मैनेजमेंट के साथ लेबर यूनियन की बात शुरू है।
रिंगरोड कपड़ा बाजार में मजदूरी दरों वृद्धि की मांग के साथ पार्सल ढुलाई मजदूरों ने हड़ताल कर रखी हैं। सूरत जिला टेक्सटाइल मार्केटिंग ट्रांसपोर्ट लेबर यूनियन के अध्यक्ष उमाशंकर मिश्रा व प्रवक्ता शान खान ने बताया कि 24 जुलाई शनिवार से शुरू हुई हड़ताल में अबतक कुल 24 से अधिक मार्केटों के मजदूर जुड़ चुके हैं। जय राधे, श्रीजी, न्यू लकी, बालाजी, साई दर्शन, न्यू टीटी टेक्सटाइल मार्केटों में मजदूरी दरों में वृद्धि की घोषणा के बाद मजदूर वापस काम पर लौटे। कपड़ा मजदूर यूनियन के प्रवक्ता शान खान ने बताया कि मजदूरों दरों में वृद्धि को लेकर हम मार्केटों के प्रबंधन से पिछले तीन-चार माह से लिखित मौखिक रूप से मांग कर रहे हैं किन्तु हमे कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिल रहा हैं जिसके चलते हमें विवश होकर हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ रहा हैं यदि जल्द से जल्द सभी मार्केटों में भाव वृद्धि की घोषणा नहीं कि गई तो हम सभी मार्केटों में हड़ताल करेंगे।