अवैध गतिविधियों में शामिल औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ हो कार्रवाई : इंटुक
सूरत जिला कलेक्टर और जीपीसीबी संभागीय अधिकारी को सौंपा ज्ञापन
सोमवार को इंटुक नेताओं ने सूरत जिला कलेक्टर और जीपीसीबी संभागीय अधिकारी को ज्ञापन देकर अवैध गतिविधियों में शामिल औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन में में बताया गया है कि सूरत शहर में सचिन जीआईडीसी, पांडेसरा जीआईडीसी, पलसाना इको पार्क, बालेश्वर सहित सूरत जिले के अन्य क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक इकाइयों द्वारा कानून का खुले तौर पर उल्लंघन किया जा रहा है।
उक्त इकाइयों द्वारा रात के समय लोगों के स्वास्थ को बुरी तरह हानि पहुँछाने वाला जहरीला प्रदूषण छोड़ने का काम किया जा रहा हैं। हाल ही में जीपीसीबी की आपराधिक लापरवाही के कारण सचिन जीआईडीसी में एक टैंकर से फेंके जा रहे जहरीले रसायन से 6 श्रमिकों की मौत हो गई थी। उपरोक्त औद्योगिक इकाइयों द्वारा छोड़े जा रहे जहरीले प्रदूषण के कारण सचिन जीआईडीसी, पांडेसरा जीआईडीसी, पलसाना इको पार्क, बालेश्वर और अन्य क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों के आसपास के लोग अस्थमा और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।
नियमों एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार औद्योगिक इकाईयों से तरल, गैसीय अथवा कूड़े रूप में निकलने वाले वेस्ट का निस्तारण दिशा-निर्देशों के अनुसार करना होता है किन्तु औद्योगिक इकाइयों द्वारा दिशा-निर्देशों के अनुसार इसका निस्तारण करने के बजाय रात के समय इसे छोड़ दिया जाता है जिसके चलते शहर के पर्यावरण को नुकसान व औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाले श्रमिकों और आसपास के निवासियों के स्वास्थ्य को हानि पहुँचती रही हैं।
साथ-साथ औद्योगिक इकाइयों द्वारा श्रम अधिनियम, पीएफ अधिनियम, कारखाना अधिनियम, ईएसआईसी अधिनियम का खुला उल्लंघन किया जा रहा हैं। मजदूरों को न्यूनतम वेतन, पीएफ ईएसआईसी, तथा सुरक्षा उपकरण से भी वंचित रखा जा रहा हैं। और साथ ही श्रमिकों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य उन्मुख सुविधाएँ भी नहीं दी जा रही हैं। एवम महिला श्रमिकों को वह सुविधाएँ या लाभ नहीं मिल रहे हैं जो उन्हें कानून के अनुसार मिलनी चाहिए।
इंटुक अग्रणी शान खान ने बताय की हमें प्राप्त हुई सूचना के अनुसार लगभग 287 डाईंग-प्रिंटिंग व रासायनिक इकाइयां बिना किसी अनुमति के अवैध रूप से चल रही हैं। जिसने द्वारा जहरीले लिक्विड वेस्ट को अवैध रूप से मनपा की स्ट्रोम ड्रेनेज की गटरों में डाला जा रहा है जो एक बहुत ही गंभीर मामला है। इसलिए हमने उपरोक्त औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
प्रदेश इंटुक महासचिव कामरान उस्मानी व शहर इंटुक अध्यक्ष उमाशंकर मिश्र ने बताया कि यदि प्रशासन द्वारा 10 दिन में कोई कार्रवाई नहीं की गई तो संबंधित विभाग के दफ्तरों पर हमें तालाबंदी करने लिए बाध्य होना पड़ेगा।
इस अवसर पर इंटुक के प्रदेश महासचिव कामरान उस्मानी, इंटुक के शहर अध्यक्ष उमाशंकर मिश्र, इंटुक के वरिष्ठ अग्रणी शान खान, पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष हसमुख देसाई, इंटुक अग्रणी करुणाशंकर तिवारी समेत अन्य अग्रणी उपस्थित रहे थे।