धर्म- समाज

मातृत्व भाव से गौ की सेवा करने से होगी नैया पार : साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी

चार प्रकार के सुख होते है, यह चारों ही गौ माता दे सकती है। पहला धर्म, दूसरा अर्थ, तीसरा काम और चौथा मोक्ष

सूरत। शहर के परवत पाटिया के श्री माहेश्वरी सेवा सदन में सूरत गौ सेवा समिति के तत्वावधान में श्री गौ संवर्धन पर पांच दिवसीय गौ कृपा कथा के तीसरे दिन शनिवार को साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती दीदी जी ने कहा कि जिसके भी आगे मां लग जाएं तो उसकी स्वंय महिमा बढ़ जाती है। मां शब्द में बड़ी शक्ति है। देखा जाए तो इस ब्रम्हांड में सबसे छोटा शब्द मां है, लेकिन इस शब्द पर व्याख्यान करने जाएं तो शायद एक जन्म में पूरा नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि नदियां बहुत सारी है, लेकिन गंगा मैया के आगे मां लगा तो वह सर्वश्रेष्ठ हो गई। शास्त्र भी बहुत सारे है लेकिन गीता मैया के आगे मां लगा तो सर्व शास्त्रों में अग्रणी हो गया। वैसी ही अगर कोई मातृत्व भाव से गौ की सेवा में लग जाए तो उसकी नैया पार हो जाएगी। उन्होंने कहा कि समर्पण और सहनशीलता नहीं होगी तो जीवन में भक्ति नहीं आएगी।

उन्होंने कहा कि चार प्रकार के सुख होते है, यह चारों ही गौ माता दे सकती है। पहला धर्म, दूसरा अर्थ, तीसरा काम और चौथा मोक्ष। अर्थ पर बोलते हुए कहा कि केवल मेहनत करने से धन नहीं आता। जब तक मेहनत के साथ कृपा नहीं होगी तो आप धन नहीं कमा सकते। संसार में कृपा तीन की प्रकार की होती है, एक गौ कृपा, दूसरी गुरू कृपा और तीसरी होती है गोविंद कृपा। इनमें से एक की भी कृपा हो जाये तो काम बन जाता है।

समिति के जगदीश कोठारी ने बताया की कथा में यजमान बजरंग डागा, नारायण झंवर, विमल माहेश्वरी, किशन राठी, ओमप्रकाश बागडी, सुरेश चांडक, रमेश चांडक, धरमचन्द मोहता, दीनदयाल मोहता, पवन बजाज सपरिवार के अलावा बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।

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