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अंतरराष्ट्रीय क्लासिकल डांस फेस्टिवल में कथक, भरतनाट्यम, कच्चीपुड़ी समेत कई विधाओं का देखने को मिला संगम

रायपुर के आरती एन्ड ग्रुप ने कथक से समझाया, वैदिक काल में पूजन से आधुनिककाल के रंगमंच तक पहुंचा नृत्य

उदयपुर ( कांतिलाल मांडोत )। शहर के सुखाड़िया रंगमंच पर ऑल इंडिया डांसर्स एसोसिएशन, कथक आश्रम उदयपुर, दिव्य ट्राइब ओर बी.बी. क्रिएटिव वर्ल्ड की ओर से आयोजित पांचवे अंतरराष्ट्रीय क्लासिकल डांस फेस्टिवल में दूसरे दिन शाम को रायपुर से आये कथक ग्रुप ने 1 घंटे की विशेष प्रस्तुति से ऐसा समा बांधा की दर्शक मंत्रमुग्ध होकर एक टक कलाकारों की कला को निहारते रहे।

फेस्टिवल की उदयपुर निदेशक चंद्रकला चौधरी ने बताया कि दूसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ राजसमन्द विधायक दीप्ती किरण माहेश्वरी, अर्चना ग्रुप निदेशक नेहा पालीवाल, डॉ. आनंद गुप्ता, डॉ. श्रृद्धा गट्टानी, समाजसेवी तुषार मेहता, पार्षद सोनिका जैन,पार्षद रेखा ऊंटवाल ने दीप प्रज्वलन कर किया।

दिव्य ट्राइब की निदेशक डॉ. दिव्यानी कटारा ने बताया कि चेन्नई की रुचि कृष्णा ने कुच्चीपुड़ी की प्रस्तुति दी। जिसमे रुचि ने बेहद सुंदर नृत्य के माध्यम से गणेश वंदना विघ्नहर्ता के रूप में , देवी रंजनी माला का कीर्तन किया। जिसमें दर्शाया की देवी की हाथी जैसी सुंदर चाल है, उनकी आंखें कमल के फूल की तरह खूबसूरत है, उनका मुख चांद की तरह है। उनकी आवाज मधुर कोयल की तरह है, ओर अंत मे बताया कि देवी जब खुश होती है तो बारिश होती है, रुचि ने अपने इस सम्पूर्ण नृत्य में देवी कामाक्षी ओर प्रकृति के बीच मधुर संबंध को दर्शाया।

 

ऑल इंडिया डांसर्स एसोसिएशन निदेशक डॉ. रितेश बाबू ने बताया कि रायपुर छत्तीसगढ़ के कमलादेवी संगीत विश्वविद्यालय के डॉ. आरती सिंह एन्ड ग्रुप ने कथक नृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति दी। 45 मिनट की प्रस्तुति में दर्शाया कि भारतीय नृत्यशास्त्र के अनुसार भगवान का पूजन करने के लिए नृत्य को किया जाता था, मध्यकाल में नृत्य और संगीत पसंद किया जाता था। समय बदलने के साथ वैष्णवकाल मे मंदिर में नृत्य को आराधना के रूप में देवदासियों ने करना शुरू किया, उसके बाद भक्ति काल मे नृत्य को सिर्फ भक्ति के लिए किया जाने लगा, उस काल में मीरां का जन्म हुआ था, उसी समय सूरदास, कबीरदास भी हुए। उसके बाद मुगलकाल में मंदिर से नृत्य दरबार मे किया जाने लगा, लेकिन उसी वक्त में ख्याल, द्रुपद का भी समावेश हुआ। वर्तमान के आधुनिकरण में नृत्य अब स्टेज डांस में बदल दिया।

फेस्टिवल के सह- आयोजक विकास जोशी ने बताया कि आयोजन में विशेष रूप से वंडर सीमेंट, फ्यूज़न, होटल प्राइड, दिव्य ट्राइब, अरुणोदय ग्रुप, सत्यनाम रोड लाइन्स, एमडीएस स्कूल, ग्लोबल पब्लिकेशन, ग्राफ्टर एकेडमी का सहयोग रहा। संचालन स्कॉलर्स एरिना के निदेशक लोकेश जैन द्वारा किया गया।

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