सूरत

चीन में बिजली संकट के कारण भारत के टेक्सटाइल सहित उद्योगों के लिए यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी देशों को निर्यात करने का सुनहरा अवसर

‘चाइना पावर क्राइसिस, एडवांटेज सूरत एंड इंडिया’ पर वेबिनार का आयोजन

सूरत। द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आज 1 अक्टूबर को ‘चाइना पावर क्राइसिस, एडवांटेज सूरत एंड इंडिया’ पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञ वक्ता के रूप में प्रौद्योगिकीविद्, व्यवसाय और प्रबंधन सलाहकार हरेश कलकत्तावाला ने उद्योगपतियों और उद्यमियों को महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया।

चैंबर के अध्यक्ष आशीष गुजराती ने वेबिनार में सभी स्वागत किया। उन्होंने उद्योगपतियों के साथ-साथ उद्यमियों से न केवल दक्षिण गुजरात के लिए बल्कि भारत के सभी उद्योगों के लिए चीन में बिजली संकट से पैदा हुए सुनहरे अवसर का लाभ उठाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने कहा देश में कई उद्योग चीन से कच्चा माल आयात करते हैं। अत: अभी से इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि ऐसे उद्योगों को कच्चे माल की कमी का सामना न करना पड़े।

हरेश कलकत्तावाला ने कहा कि चीन में अधिकांश बिजली संयंत्र कोयला बेज हैं और सरकार ने वर्तमान में कोयला उत्पादन कम कर दिया है। जिससे बिजली उत्पादन में गिरावट आई है। बिजली की कीमत भी चीन सरकार ने तय की है। ऐसे में बिजली उत्पादकों की हालत खराब हो गई है। उन्हें दूसरे देशों से कोयला आयात करने में भी दिक्कत हो रही है। नतीजतन, चीन में कारखानों का उत्पादन 44% कम हो गया है। सरकार का जीडीपी का 8.2 फीसदी का लक्ष्य भी एक महीने में घटकर 7.8 फीसदी हो गया है।

यह समस्या तब तक बनी रहेगी जब तक चीन में वैकल्पिक ऊर्जा का निर्माण नहीं हो जाता। नतीजतन, चीन में एल्युमीनियम, सीमेंट, स्टील और टेक्सटाइल का उत्पादन जारी रखने वाले संयंत्र को भारी नुकसान हो रहा है। कच्चे माल की कमी महसूस हो रही है और रसायन और डाइज भी प्रभावित हुए हैं। नतीजतन, दुनिया भर के खुदरा विक्रेता और व्यापारी वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रहे हैं।

दुनिया भर के विश्लेषकों का मानना ​​है कि चीन कपड़ा और परिधान निर्यात करता है। लेकिन सरकार के कोयला उत्पादन में कमी से बिजली के दाम 30 से 40 फीसदी तक बढ़ जाएंगे। इससे न केवल उत्पादन लागत बढ़ेगी बल्कि उत्पादन में भी कमी आएगी और वस्त्रों की कीमत में सीधे तौर पर 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि होगी। चीन में बिजली संकट का सीधा लाभ सभी भारतीय उद्योगों को होगा।

खासतौर पर टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए एक सुनहरा अवसर पैदा हुआ है। सूरत समेत दक्षिण गुजरात के टेक्सटाइल उद्योग को निर्यात के लिए यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी देशों के बाजार खुल जाएंगे। कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान उत्पादन में आई गिरावट में अब सुधार देखने को मिल रहा है। नवरात्रि, दिवाली और क्रिसमस जैसे त्योहारों ने कपड़ा, हीरा और आभूषण उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर पैदा किया है।

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