
सूरत में पहली बार सांस्कृतिक कार्यक्रम में 400 कलाकारों ने दी रंगारंग प्रस्तुतियां
माधवपुर में 6 से 10 अप्रैल तक माधवपुर भातीगल मेला आयोजित किया जाएगा
पोरबंदर जिले के माधवपुर में 6 से 10 अप्रैल तक माधवपुर भातीगल मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें सांस्कृतिक विरासत और धरोहरों को देखने, सीखने और आनंद लेने का अवसर मिलेगा। सूरत के लोग भी राज्य की अनूठी सांस्कृतिक परंपराओं से अवगत हो सकें, इसके लिए पूर्वोत्तर राज्यों के 200 और गुजरात के 200 कलाकारों ने ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की थीम पर सूरत के इंडोर स्टेडियम-अठवालाइन्स में आयोजित भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक बेहतरीन रंगारंग प्रस्तुतियां दीं।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने सूरतवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया
राज्य के खेल, युवा और सांस्कृतिक गतिविधियाँ विभाग और पर्यटन विभाग की प्रेरणा और मार्गदर्शन में जिला प्रशासन और सूरत महानगरपालिका द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा और नागालैंड तथा गुजरात के कुल 400 कलाकारों ने पहली बार सूरत में संयुक्त रूप से भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सूरतवासियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ये देश में दो अलग-अलग संस्कृतियों के कलाकारों द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तुत सबसे बड़ी सामूहिक सांस्कृतिक कृतियाँ थीं।
इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश, जिला कलेक्टर डॉ. सौरभ पारधी, पुलिस आयुक्त अनुपमसिंह गेहलोत, उपायुक्त वबांग जमीर सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जिला युवा विकास अधिकारी राधिका लाठिया, जिला प्रशासन और मनपा के अधिकारी, विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
विभिन्न नृत्य शैलियां आकर्षण का केंद्र बनीं
इनडोर स्टेडियम में उत्तर पूर्व के विभिन्न कला नृत्यों में अरुणाचल का तेंग को न्योन, तापू, असम का बिहू और दासोरी देलाई नाच, मणिपुर का पंग ढोंग ढोलोक चोलम, मिजोरम का चोंगलेज़वॉन, वांगला, मेघालय का कोच, नागालैंड का संगतम , सिंगाई/योक छम, मनह्रांग सेलो, सिक्किम का चुटके, होजागिरी, त्रिपुरा का ममिता और संग्रेन नृत्य शामिल थे।
कलाकारों ने गुजरात के सुरेंद्रनगर का रास, महिसागर आदिवासी नृत्य, छोटा उदेपुर का राठवा, डांग का डांगी, जोरावरनगर का हुडो, पोरबंदर का ढाल तलवार और मनियारो, पोरबंदर गांधीनगर का मिश्रा रास, मोरबी का गरबा और भाल क्षेत्र का पधार मंजीरा नृत्य प्रस्तुत किया।