गुजरात विधानसभा का तीन दिवसीय मानसून सत्र में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने विधानसभा में अंधविश्वास विरोधी विधेयक पेश किया। विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया गया। अंधविश्वास का आचारण करनेवाला, कराएगा या दुप्षेरणा देगा, उसे दंडित किया जाएगा। गौरतलब है कि गुजरात से पहले महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और असम में अंधविश्वास उन्मूलन से जुड़े कानून हैं। गुजरात ऐसा कानून बनाने वाला 7वां राज्य बन जाएगा।
6 माह से 7 वर्ष तक कारावास, 5 हजार से 50 हजार तक जुर्माना
इस विधेयक के प्रावधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति, जो स्वयं या किसी अन्य व्यक्ति के माध्यम से इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए, मानव बलि और अन्य अमानवीय, दुष्ट और क्रूर प्रथाओं और काला जादू करता है या करवाता है। बलि और अन्य अमानवीय, बुरी और घृणित प्रथाएं और काला जादू यदि कोई व्यक्ति विज्ञापन करता है या कराता है, व्यापार करता है या कराता है, प्रचार करता है या प्रेरित करता है या उत्प्रेरित करता है तो यह इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपराध होगा। इस अपराध के लिए दोषी व्यक्ति को छह महीने से कम नहीं बल्कि सात साल से कम की कैद और पांच हजार रुपये से कम नहीं बल्कि पांच हजार रुपये से कम का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही यह अपराध गैर जमानती होगा।
आस्था और विश्वास को ठेस न पहुंचे इसका ध्यान रखा गया : गृह मंत्री हर्ष संघवी
मानसून सत्र के पहले दिन गृह राज्य मंत्री ने एक और अमानवीय, बुराई, अघोरी प्रथा, काला जादू को रोकने और समाप्त करने के लिए गुजरात मानव बलि विधेयक, 2024 पेश किया। काले जादू के तहत की जाने वाली गतिविधियों को रोकने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है। हालांकि वर्ष 2023 की संहिता के अनुसार अपराध दर्ज करने की कार्रवाई जारी है. काला जादू सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पश्चिमी देशों में भी किया जाता है।
इस प्रक्रिया को रोकने के लिए हर जगह अलग-अलग कानून लागू किए गए हैं। आजादी के 78 साल बाद भी इस तरह की घटना देखने को मिलती है, जिसे रोकने की जरूरत है। नए कानून के तहत महत्वपूर्ण अपराधों को शामिल किया गया है। बिल पेश करते समय गृह मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि आस्था और विश्वास को ठेस न पहुंचे इसका ख्याल रखा गया है।