भारत

चन्द्र शेखर आजाद सामाजिक न्याय का बेमिसाल योद्धा कैसे हैं ?

अक्सर नेताओं को जनसभा में आते ही मंच पर भाषण देते और भाषण ख़त्म होने के बाद वापस जाते देखा है। लेकिन  8 दिसंबर 2021 को जंतर मंतर
SSCGD 2018 के मेडिकल फिट अभ्यर्थियों की नियुक्ति की लड़ाई में चन्द्र शेखर आज़ाद जी आये और मंच से संबोधन कर आंदोलन में तमाम राज्यों से आये साथियों का अभिवादन करके सीधे आंदोलन कर रहे साथियों के बीच में जा बैठे और 3 घन्टे तक उनसे बात करने के बाद मंच पर आये और तब भाषण के माध्यम से संवाद किया। और यह सुनिश्चित किया कि हम सब मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे और 21 दिसंबर को संसद घेराव का बड़ा आंदोलन होगा।

संविधान, अधिकार और लड़ाई की व्याख्या करते हुये दूर दराज से आये भाई बहनों का हौसला बढ़ाया। कई दिनों से धरना कर रहे हतास व निराश साथियों को एक उम्मीद की ज्वाला नज़र आई। सबके आंखों में खुशी की लहर इस कदर थी कि हब ज़ोर ज़ोर से भाई के एक एक शब्द पर जय भीम, जय हिंद, इंकलाब जिंदाबाद आदि के नारे लगा रहे थे। लखनऊ में चल रहे 69000 हज़ार शिक्षक भर्ती घोटाले के ख़िलाफ़ आंदोलन में जिस तरह से आसपा व भीमआर्मी ने हिस्सा लिया वह वह क़ाबिल-ए तारीफ है।

देश में हो रहे तमाम शोषण दमन के ख़िलाफ़ चन्द्र शेखर आज़ाद  की आवाज़ सबसे पहले बुलन्द हो रही है। अभी जी बी पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर हुये इंटरव्यू में ओबीसी के सभी अभ्यर्थियों को नाट फाउंड सुटेबल अर्थात आयोग घोषित किया गया जिस पर सबसे पहला ट्वीट भाई चन्द्र शेखर आज़ाद ने किया और इस आंदोलन को जीतने के लिए योजनाबद्ध हो रहे हैं।

अभी कुछ महीने पहले NEET में हुये ओबीसी सीटों के घोटालों को लेकर ओबीसी आयोग पर पहला धरना भीम आर्मी व आज़ाद समाज पार्टी ने किया। और हम लड़ाई जीते। किसान आन्दोलन में आसपा व भीमआर्मी ने लगभग एक साल तक संघर्ष किया और आंदोलन को और गतिमान करने के लिए बहुजन साइकिल यात्रा के माध्यम से उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में इसे प्रचारति किया। देश में हो रहे रेप, हत्या, शोषण दमन, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि के ख़िलाफ़ चन्द्र शेखर आज़ाद भाई लड़ रहे हैं। भारतीय राष्ट्र के सुदृढ़ निर्माण के लिए बेगमपुरा की संकल्पना को साकार करने के लिए समर्पित चन्द्र शेखर आज़ाद जी का नेतृत्व यकीनन उल्लेखनीय व बेमिसाल है।

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