
मानव एकता दिवस – निष्काम सेवा का अनुपम संकल्प, निरंकारी भक्तों द्वारा देशभर में 30000 युनिट रक्तदान
पूरे भारतवर्ष की लगभग 500 से अधिक ब्रांचों पर भव्य रक्तदान शिविरों की अविरल शृंखला आयोजित की गई
सूरत, 25, अप्रैल, 2025 – हर वर्ष की भांति निरंकारी मिशन द्वारा 24 अप्रैल को बाबा गुरबचन सिंह जी की पावन स्मृति में प्रेम और भाईचारे की भावना को उजागर करता ‘मानव एकता दिवस’, श्रद्धा और आध्यात्मिक भावनाओं से परिपूर्ण वातावरण में आयोजित किया गया। यह दिन केवल पुण्य स्मरण का अवसर नहीं, अपितु मानवता, सौहार्द और एकत्व की भावनाओं का एक आत्मिक संगम है।
मानव एकता दिवस के अवसर पर मिशन द्वारा देशभर में रक्तदान की प्रेरक श्रृंखला आरंभ होती है, जो निःस्वार्थ सेवा भावना की सामूहिक जागृति का स्वरूप बनकर पूरे वर्ष समाज में प्रवाहित होती रहती है। इसके साथ ही सत्संग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेम, शांति और समरसता का प्रकाश भी जन-जन तक पहुँचाया जाता है। यह दिन इस बात का परिचायक है कि सेवा केवल एक कार्य नहीं, अपितु निष्काम समर्पण का आत्मिक भाव है।
देशभर में 30,000 यूनिट रक्तदान
इस वर्ष भी, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा पूरे भारतवर्ष की लगभग 500 से अधिक ब्रांचों पर भव्य रक्तदान शिविरों की अविरल शृंखला आयोजित की गई। संत निरंकारी हेल्थ सिटी की मेडिकल डायरेक्टर गीतिका दुग्गल ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सम्पूर्ण भारतवर्ष में आयोजित रक्तदान श्रृंखला में लगभग 30,000 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया, जिनमें से केवल दिल्ली शिविर में ही लगभग 1,000 यूनिट रक्तदान हुआ।
गुजरात राज्य के 9 शिविरों में 1862 यूनिट रक्तदान
मानव एकता दिवस के उपलक्ष्य में गुजरात राज्य के 9 स्थानों पर भव्य रक्तदान शिविरों का आयोजन किया गया जिसमें कुल मिलाकर 1862 यूनिट रक्त संकलित किया गया। वदोड़ स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन, सूरत में आयोजित रक्तदान शिविर में 542 निरंकारी भक्तों ने उत्साहपूर्वक रक्तदान किया, जिसका संकलन स्मीमेर ब्लड बैंक, न्यू सिविल हॉस्पिटल की ओर से सूरत रक्तदान केन्द्र में किया गया।
इस शिविर में सूरत के शहर नगर प्राथमिक शिक्षण समिति के अध्यक्ष राजेंद्रभाई कापडिया ने शिष्टाचार भेंट किया उन्होंने संत निरंकारी मिशन द्वारा मानवता के बंधन को मजबूत करने और सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश फैलाने के इस सराहनीय प्रयास की प्रशंसा की।
गुजरात राज्य के अहमदाबाद में 300, वडोदरा में 159, दमण में 130, गोधरा में 435, जामनगर में 100, गांधीनगर में 81, मेहसाणा में 60 और भावनगर में 55 यूनिट रक्त मानवता के हितार्थ समर्पित किया गया।
यह महाअभियान केवल रक्तदान नहीं, बल्कि सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की करुणा, सेवा और एकत्व के संदेश को जीवन में उतारने का सजीव माध्यम है जो हमें सिखाता है कि मानवता ही सर्वोच्च धर्म है। इसी प्रेरणा से प्रेरित संत निरंकारी मिशन, सेवा और समर्पण के पथ पर निरंतर मानवता का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह जी ने सत्य बोध के माध्यम से समाज को अंधविश्वासों और कुरीतियों से मुक्त कर, नशा मुक्ति, सादा विवाह और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ जोड़ने जैसे लोक-कल्याणकारी अभियानों की प्रेरक शुरुआत की। उनके पावन मार्गदर्शन को आगे बढ़ाते हुए बाबा हरदेव सिंह जी ने “रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं” का अमर संदेश देकर रक्तदान को मिशन की आध्यात्मिक सेवा का अभिन्न अंग बना दिया। यह संदेश आज भी प्रत्येक निरंकारी भक्त के हृदय में सेवा और समर्पण की प्रेरक लौ बनकर जीवंत है।
यह दिवस चाचा प्रताप सिंह जी सहित उन सभी समर्पित बलिदानी संतों की पुण्य स्मृति का प्रतीक है, जिन्होंने मानव एकता, निःस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक चेतना के मार्ग पर चलते हुए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। मानव एकता दिवस उन्हीं संतों के दृढ़ विश्वास व संकल्प की प्रेरणा को जीवंत करता है। मानव एकता दिवस पर गुजरात राज्य की सभी ब्रान्चो में विशेष सत्संग का भी आयोजन किया गया।